स्वयंसहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाई गई रंग-बिरंगी राखियों से सजेंगी भाइयों की कलाई
स्वयं सहायता समूह से बनी एक हजार राखी भेजी जाएगी सीमा पर तैनात फौजी भाईयों को
रंग बिरंगी सजी राखियां


राखियां बनाती समूह की महिलाएं


जौनपुर,07 अगस्त (हि.स.)। मेक इन इंडिया को मजबूती देने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) ने समूह की महिलाओं को राखी बनाने का प्रशिक्षण दिया है। इन राखियों को बाजार में उपलब्ध कराने की कवायद भी शुरू कर दी गई है।

प्रधानमंत्री के स्वदेशी अपनाने के आह्वान पर स्वयं सहायता समूह की महिलाएं आगे आई हैं। इस रक्षाबंधन पर भाइयों की कलाई चीन निर्मित राखियों की बजाय स्वयंसहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाई गई रंग-बिरंगी राखियों से सजेगी।

वर्तमान में जिले में लगभग 17 हजार स्वयं सहायता समूहों से दो लाख महिलाएं जुड़ी हैं। ये महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में निपुण हैं। महिलाओं की काबिलियत की पहचान कर इच्छुक महिलाओं को राखी बनाने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

रक्षाबंधन जैसे त्योहार पर बाजार में चीनी राखियों की भरमार रहती है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया है। स्वनिर्मित राखियों की खरीदारी से जहां एक ओर मेक इन इंडिया को बल मिलेगा, वहीं जरूरतमंद महिलाओं की आर्थिक जरूरतें भी पूरी होंगी।

बक्शा क्षेत्र के रोफलपुर में मां वैष्णो स्वयं सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विदेशी उत्पादों से परहेज करना जरूरी है। इससे पहले इन महिलाओं ने हर्बल गुलाल बनाया था, जिसे होली में खूब पसंद किया गया था।

इस मामले में गुरुवार को जानकारी साझा करते हुए उपायुक्त स्वतः रोजगार जितेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि बड़ी संख्या में महिलाओं को राखी बनाने के लिए पहले से ही प्रशिक्षित किया गया था। उन्होंने कहा कि इच्छुक महिलाओं को एनआरएलएम की ओर से बाजार भी उपलब्ध कराया जाएगा। उनका आह्वान है कि सभी लोग देसी राखियां ही खरीदें।यही राखियां एक हजार की संख्या में देश के सीमाओं पर तैनात जवानों को डाक विभाग द्वारा भेजी जायेगी।

हिन्दुस्थान समाचार / विश्व प्रकाश श्रीवास्तव