इंदौरः उपभोक्ताओं की स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु प्रशिक्षण एवं सैंपलिंग कार्रवाई लगातार जारी
- फूड सेफ्टी सुपरवाईजर ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ-साथ मिलावटी खाद्य पदार्थों के विरुद्ध कार्रवाई तेज इंदौर, 7 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में कलेक्टर आशीष सिंह की बच्चों के स्वास्थ्य और उपभोक्ताओं की सुरक्षा के प्रति विशेष संवेदनशीलता को
खाद्य सुरक्षा प्रशासन


- फूड सेफ्टी सुपरवाईजर ट्रेनिंग प्रोग्राम के साथ-साथ मिलावटी खाद्य पदार्थों के विरुद्ध कार्रवाई तेज

इंदौर, 7 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में कलेक्टर आशीष सिंह की बच्चों के स्वास्थ्य और उपभोक्ताओं की सुरक्षा के प्रति विशेष संवेदनशीलता को दृष्टिगत रखते हुए खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा गुरुवार को दोहरी कार्यवाही की गई। एक ओर जहां स्कूली कर्मचारियों के लिए FOSTAC (Food Safety Supervisor Training Program) का आयोजन किया गया, वहीं दूसरी ओर शहर के विभिन्न स्थानों से मिलावटी खाद्य पदार्थों की आशंका पर नमूने लेकर विधिसम्मत कार्रवाई की गई।

गत 04 जुलाई 2025 को आयोजित जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाए तथा कैंटीन संचालन से जुड़े कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाए। इसी क्रम में 7 अगस्त को आयोजित प्रशिक्षण सत्र में शहर के 12 विद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें कुल 40 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे। इस सत्र में खाद्य स्वच्छता, तापमान नियंत्रण, भंडारण व्यवस्था, व्यक्तिगत स्वच्छता और सुरक्षित खाद्य प्रथाओं से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रशिक्षण दिया गया।

इसी दिन शहर में मिलावट की आशंका पर खाद्य प्रतिष्ठानों से नमूने लेकर राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजे गए। कार्रवाई में शिव दूध डेयरी एंड स्वीट्स, भंवरकुंआ, इंदौर से मीठा मावा, मिल्क केक, मावा एवं दूध के कुल 4 नमूने लिये गये। इसी तरह यादव श्री स्वीट्स एंड रेस्टॉरेंट, धीरज नगर, MR-9 रिंग रोड से मावा रोल एवं बेसन लड्डू के नमूने, गुरुकृपा क्रीमरी एन्ड डेयरी, साउथ राजमोहल्ला तथा सुहाना डेयरी, धार रोड से घी के नमूने लिये गये।

प्रतिष्ठानों को परिसर की स्वच्छता बनाए रखने, खाद्य रंगों का न्यूनतम उपयोग करने, गुणवत्ता युक्त कच्चे माल के उपयोग, फूड हैंडलर्स की व्यक्तिगत स्वच्छता सुनिश्चित करने, वैध खाद्य लाइसेंस रखने तथा पेस्ट कंट्रोल जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं के पालन हेतु निर्देशित किया गया।

खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा उपभोक्ताओं को शुद्ध व सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने हेतु यह अभियान लगातार जारी रहेगा। लिए गए सभी नमूने राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं, जिनकी रिपोर्ट प्राप्त होने पर नियमानुसार अग्रिम विधिक कार्यवाही की जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर