उमरियाः राजस्व अधिकारियों ने निश्चितकालीन हड़ताल पर खरपतवार उखाड़ कर प्रकट किया विरोध
उमरिया, 7 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के समस्त राजस्व अधिकारी संघ के सदस्यों ने सामूहिक रूप से प्रदेश संगठन के आह्वान पर अपने - अपने डोंगल, डिजिटल सिग्नेचर जमा कर गुरुवार को अपनी गाड़ियां भी कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी करने के बाद कलेक्ट्
कार्यपालिक मजिस्ट्रेट अनिश्चितकालीन हड़ताल पर खर पतवार उखाड़ कर किये विरोध प्रकट


उमरिया, 7 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के समस्त राजस्व अधिकारी संघ के सदस्यों ने सामूहिक रूप से प्रदेश संगठन के आह्वान पर अपने - अपने डोंगल, डिजिटल सिग्नेचर जमा कर गुरुवार को अपनी गाड़ियां भी कलेक्ट्रेट परिसर में खड़ी करने के बाद कलेक्ट्रेट परिसर मे खर - पतवार उखाड़ कर अपना विरोध दर्ज किया।

राजस्व अधिकारी संघ कनिष्ट प्रशासनिक सेवा के जिलाध्यक्ष दिलीप सोनी ने बताया कि अभी शासन ने अपनी ओर से एक प्रयोग किया है जिसमें तहसीलदारों के मध्य कार्य विभाजन किया गया है कार्यपालिक मजिस्ट्रेट के लिये गैर न्यायिक तहसीलदारों की नियुक्ति की गई है जो पूर्व से ही पदस्थ न्यायालयीन तहसीलदारथे जिसमें न्यायालीन तहसीलदारों जो सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक कार्य करेंगे, कार्यपालिक मजिस्ट्रेट फील्ड के अन्य कार्य करेंगे इसी के विरोध स्वरूप हमारी अनिश्चितकालीन हड़ताल है कारण यह है कि जो गैर न्यायालयीन तहसीलदार हैं उनके अन्य सुरक्षात्मक मापदंडो को बिना देखे ही और बिना ही उसके दुष्परिणामों को समझे इसका पृथक्करण किया गया है उसी के दुष्परिणामों को और इसके अलावा गैर न्यायालय प्रक्रिया को समझे दो या तीन न्यायालय को मर्ज किया गया है और एक ही अधिकारी को दिया गया है उसके विरोध स्वरूप हम लोग 6 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। अभी हम लोग राज्य शासन स्तर पर ज्ञापन दिए हैं इसके अलावा हम उमरिया जिले के दोनों विधायक मानपुर और बांधवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायकों को भी ज्ञापन देंगे और उनको अवगत कराएंगे कि इस प्रकार के प्रयोग से न केवल राजस्व अधिकारी तहसीलदार, नायब तहसीलदार और एसएलआर परेशान है, बल्कि इससे आम जनता को भी परेशानी होने वाली है इस प्रकार के मर्जर के बाद मध्य प्रदेश में लगभग 500 से अधिक गैर न्यायलीन तहसीलदार कार्यपालिक मजिस्ट्रेट का काम करेंगे और वो इसके अलावा न्यायालयीन काम नहीं करेंगे, उन 500 तहसीलदारों का जो वर्क लोड है लगभग 600 तहसीलदारों पर आने वाला है तो स्वाभाविक है कि उन पर काम का बोझ बढेगा इन्ही सब बिंदुओं को लेकर हमारी हड़ताल है। वहीं बताये कि यदि प्रदेश सरकार हमारी बातों को नहीं मानेगी तो अभी हम लोग जो भोपाल इकाई के बैनर के नीचे डिजिटल सिग्नेचर जमा करना, वाहन जमा करना, साफ - सफाई करना था वो कर दिये हैं और जो प्रदेश इकाई आगे निर्णय लेगी वो होगा।

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार के नये - नये प्रयोग से आम जनता की परेशानियों में लगातार इजाफा हो रहा है, जबकि सरकार जनता को जितना राहत देने का वादा कर रही है उतना ही जनता परेशान हो रही है, इनके हड़ताल पर जाने से सारे राजस्व के कार्य ठप हो गये हैं और जनता परेशान है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुरेन्‍द्र त्रिपाठी