कोर्ट ने जारी किया विधायक को समन : अपने ही कार्यकर्ता को पिटवाने का लगा आरोप
जबलपुर, 7 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की केन्ट विधानसभा से भाजपा विधायक अशोक रोहाणी कोर्ट ने समन जारी किया है। यह समन उनकी पार्टी के कार्यकर्ता निशांत शर्मा द्वारा दायर परिवाद के चलते जारी हुआ है। निशांत ने बताया कि जबलपुर के छावनी क्
कोर्ट ने जारी किया विधायक को समन : अपने ही कार्यकर्ता को पिटवाने का लगा आरोप


जबलपुर, 7 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले की केन्ट विधानसभा से भाजपा विधायक अशोक रोहाणी कोर्ट ने समन जारी किया है। यह समन उनकी पार्टी के कार्यकर्ता निशांत शर्मा द्वारा दायर परिवाद के चलते जारी हुआ है। निशांत ने बताया कि जबलपुर के छावनी क्षेत्र के 25 हजार से अधिक नागरिकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए थे। इस मुद्दे पर लगातार भारत सरकार, मध्य प्रदेश सरकार और निर्वाचन आयोग से भी पत्राचार करते आ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा विरोध उन्होंने किया था।

निशांत ने आरोप लगाया कि इस मुद्दे को लेकर 20 मार्च 2023 को उन्होंने इंडियन कॉफी हाउस, सदर में एक बैठक बुलाई थी। लेकिन उसी दिन दोपहर करीब 2:30 बजे गली नंबर 5 के पास उन पर हमला किया गया। निशांत का आरोप है कि यह हमला विधायक अशोक रोहाणी के इशारे पर हुआ और हमलावरों ने उन्हें गालियां देते हुए बुरी तरह पीटा था।

साथ ही धमकी दी गई कि यदि वोटर लिस्ट के मुद्दे को फिर उठाया तो जान से मार दिया जाएगा। निशांत ने इस हमले की रिपोर्ट केन्ट थाने में दर्ज कराई। फिर क्रमांक 0072/2023 के तहत धारा 294, 323, 147, 506 आईपीसी में एफआईआर दर्ज की गई। उसने अपनी शिकायत में नामजद विधायक अशोक रोहाणी, संदीप गौंड और ऋषि बावरिया के नाम एफआईआर में बताया था लेकिन जब उसने यह देखा कि नाम गायब हैं तो उसने इस बारे में पूछताछ की, तो थाना प्रभारी ने आश्वासन दिया कि जांच के बाद नाम जोड़े जाएंगे। लेकिन अगले ही दिन उल्टा उनके खिलाफ ही एससी-एसटी एक्ट के तहत झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि केन्ट विधायक के इशारे पर हमला हुआ और पुलिस ने जानबूझकर उनके नाम हटाए। 6 अक्टूबर 2023 को पुलिस ने चार अन्य आरोपियों सुंदर अग्रवाल, संजय जैन, आशीष राव और राजेश उर्फ छोटू सतनामी के खिलाफ चालान पेश किया। लेकिन एक बार फिर विधायक और उनके करीबी समर्थकों के नाम चार्जशीट से नदारद थे। विवेचक ने अंतिम रिपोर्ट में लिखा कि अन्य व्यक्तियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं।

20 जून 2025 को निशांत ने कोर्ट में परिवाद दाखिल किया। उन्होंने आरोप लगाया कि विधायक के दबाव में पुलिस ने निष्पक्ष जांच नहीं की और साजिश के तहत उनके खिलाफ झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई। इस परिवाद में कार्यकर्ता ने सीसीटीवी फुटेज, एफआईआर की प्रतिलिपि, मेडिकल रिपोर्ट और अन्य साक्ष्य पेश किए।

परिवाद में दिए गए के साक्ष्यों और आवेदन पर विचार करते हुए जिला न्यायालय जबलपुर के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारिका प्रसाद सूत्रकार ने अब विधायक अशोक रोहाणी को समन जारी किया है। इस समन में उन्हें निर्देश दिया गया है कि 2 सितंबर 2025 को स्वयं या अपने वकील के माध्यम से अदालत में पेश हों।

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हिन्दुस्थान समाचार / विलोक पाठक