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- केंद्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री कल करेंगे शिलान्यास-कार्यक्रम में लाखों लोगों के शामिल होने का अनुमान
पटना, 07 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के बाद बिहार के सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में माता सीता का अद्भुत मंदिर बनने जा रहा है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शुक्रवार यानी 8 अगस्त को मंदिर का शिलान्यास करेंगे। पुनौरा धाम में जानकी मंदिर और कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह को भव्य बनाने के लिए सभी आवश्यक कार्य को पूर्ण कर लिया गया है। इस कार्यक्रम में अमित शाह और नीतीश कुमार समेत कई बड़े नेता, संत और आम लोग शामिल होंगे। अनुमान है कि इस कार्यक्रम में लाखों लोग शामिल होंगे।
पुनौरा धाम मंदिर के महंत कौशल किशोर दासजी ने बातचीत में बताया कि इस शिलान्यास समारोह के लिए घर-घर जाकर आमंत्रण अभियान भी चलाया गया। श्रद्धालुओं को पीले चावल और तुलसी के पत्तों के साथ आमंत्रित किया गया। इसके साथ ही, शहर से गुजरने वाले राहगीरों को भी कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया गया। यह शिलान्यास समारोह तीन दिवसीय भव्य उत्सव के रूप में मनाया जाएगा और माता जानकी के दिव्य मंदिर की नींव के लिए 11 नदियों का पवित्र जल लाया गया है। इनमें गंगा, यमुना, भागीरथी, अलकनंदा, मंदाकिनी, पिंडर, धौलीगंगा, लक्ष्मण गंगा, सरस्वती, कमला और सरयू नदियां शामिल हैं।
महंत कौशल किशोर दास के शिष्य रामकुमार दास ने बताया कि मंदिर प्रबंधन ने शिलान्यास समारोह की शाम को मंदिर में दीपोत्सव का आयोजन करने का भी निर्णय लिया है। इसके लिए लोगों से शिलान्यास के दिन दीपदान लेकर आने की अपील की गई है। उस दिन मंदिर के साथ-साथ सीताकुंड परिसर को 51,000 दीपों से सजाने की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है।
बीते 01 जुलाई को बिहार मंत्रिमंडल ने पुनौरा धाम में मंदिर निर्माण के लिए 882.87 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी थी। इस राशि में से 137 करोड़ रुपये जानकी मंदिर के निर्माण के लिए और 728 करोड़ रुपये पर्यटन संबंधी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। इसके 10 वर्षों तक रखरखाव पर 16.62 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान भी किया गया है। इस तीर्थस्थल के विकास के लिए 50 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। 17 एकड़ भूमि मंदिर परिसर के पास वर्तमान में हैं।
विकास परियोजना में पारंपरिक स्थापत्य कला के अनुरूप एक विशाल मंदिर का निर्माण, उसका संरक्षण और सौंदर्यीकरण शामिल है। इसके अलावा, मंदिर परिसर के चारों ओर प्रवेश द्वार, विश्राम गृह, यज्ञशाला, भोजनालय, ध्यान केंद्र और प्रवचन हॉल का भी निर्माण किया जाएगा। पर्यटन सुविधाओं के विकास के अंतर्गत परिसर में होटल, विश्राम गृह, संग्रहालय, स्मृति द्वार और स्मारक भवनों का निर्माण किया जाएगा। मंदिर के आसपास के क्षेत्र में हरियाली बनाए रखने के लिए सुंदर जलाशय और फव्वारे लगाए जाएंगे और उद्यानों का निर्माण भी किया जाएगा। इसके साथ ही, 'सीता-वाटिका' और 'लव-कुश वाटिका' भी विकसित की जाएगी।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए, एक बस टर्मिनल का निर्माण किया जाएगा और मंदिर तक पहुंचने और वहां ठहरने के लिए बुनियादी ढांचे का भी विकास किया जाएगा। साथ ही, आधुनिक पार्किंग स्थल, चौड़ी सड़कें और स्ट्रीट लाइट युक्त फुटपाथ बनाए जाएंगे। इसके अलावा, सुरक्षा के लिए क्षेत्र में डिजिटल सूचना केंद्र और कैमरे लगाए जाएंगे।
स्थानीय युवक अभिनव, अग्नेय, शुभम, ब्रजेश आदि ने बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम मंदिर की तरह, मां सीता का जन्मस्थान भी वर्षों से उपेक्षा का शिकार रहा है। मिथिला के इस पवित्र स्थल पर कोई विवाद या मतभेद भी नहीं था, फिर भी यह पवित्र स्थल उपेक्षा के अंधकार में डूबा रहा। वर्षों से न केवल स्थानीय लोग, बल्कि दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु भी यहां एक भव्य मंदिर की प्रतीक्षा कर रहे थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन परिस्थितियों को बदलने का बीड़ा उठाया है। उनके प्रयासों के बाद, माता जानकी का भव्य मंदिर साकार होने जा रहा है।
इस बारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यहां भव्य मंदिर के निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां माता जानकी की पूजा-अर्चना करने आएंगे। उनका कहना है कि पर्यटकों के आने से रोजगार का भी सृजन होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी