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कोरबा, 07 अगस्त (हि.स.)। जिले में बालको विस्तार परियोजना के कूलिंग टॉवर और कोल यार्ड से प्रभावित 86 परिवारों को लंबे संघर्ष के बाद न्याय मिला है। उच्च न्यायालय ने कलेक्टर कोरबा को आदेश दिया है कि प्रभावित परिवारों को पुनर्वास दिया जाए।
यह आदेश 4 अगस्त 2025 को दिया गया है। इसके साथ ही, कलेक्टर को न्यायालय में लंबित प्रकरण का भी जल्द निराकरण करने का निर्देश दिया गया है। राज्य शासन ने इस आदेश पर कोई आपत्ति नहीं की है।
इससे पहले, जिला प्रशासन ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा आदेश पारित कर बालको को पत्र प्रेषित किया था, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसमें अतिरिक्त 46 प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और रोजगार का मामला भी शामिल था।
बालको ने पिछले 14 वर्षों में वृहद कोल यार्ड का निर्माण रिहायशी क्षेत्र के पास किया है, जिससे शांतिनगर, न्यू शांतिनगर और रिंग रोड बस्ती के लगभग 206 परिवारों के जीवन प्रभावित हुए हैं। इस मामले में डिलेन्द्र यादव द्वारा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी।प्रभावित परिवारों ने बताया कि बालको के कूलिंग टॉवर और कोल यार्ड से निकलने वाले धूल और प्रदूषण के कारण उनके स्वास्थ्य पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे और बुजुर्ग प्रदूषण के कारण बीमार रहते हैं और उनकी जान जोखिम में है।
प्रभावित परिवारों ने पुनर्वास की मांग की है और कहा है कि उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण में रहने का अधिकार है। उन्होंने कहा है कि बालको को उनके पुनर्वास के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि कलेक्टर कोरबा को प्रभावित परिवारों को पुनर्वास देने के लिए आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। अदालत ने कहा है कि पुनर्वास के लिए बालको को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन्हें प्रभावित परिवारों को मुआवजा देना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / हरीश तिवारी