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भोपाल, 5 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के सातवें दिन मंगलवार को सदन में ग्वालियर के ऐतिहासिक किले में होटल खोलने का मुद्दा उठा। कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने ग्वालियर किले में होटल खोलने का विरोध करते हुए कहा कि सरकार ऐतिहासिक विरासत को बर्बाद करने जा रही है। कई जमीनें हैं, जहां होटल खोले जा सकते हैं। इस पर संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने भरोसा दिया कि विभाग के पास इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है।
दरअसल, मंगलवार को सदन में भाजपा विधायक अभिलाष पांडे ने ग्वालियर के किले में होटल खोले जाने को लेकर ध्यानाकर्षण लगाया। उन्होंने कहा कि इस किले में सिखों का पवित्र स्थल गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ है। पुराने शासकों की वहां छतरियां हैं। मेरा मानना है कि इनको बचाकर रखना हमारी जिम्मेदारी है। इस ऐतिहासिक किले में कोई होटल न खोला जाए।
इसके जवाब में धार्मिक न्यास और संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी ने कहा कि इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं है। ग्वालियर का किला ऐतिहासिक धरोहर है। पर्यटन विभाग द्वारा एक एमओयू किया गया है, जिसके माध्यम से ग्वालियर के अलग-अलग महलों का संरक्षण और संवर्धन किया जाएगा। ग्वालियर के किले में निजी होटल खोलने या गुरुद्वारा हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
विधानसभा में उठा जबलपुर में फर्जी योग्यता के आधार पर नियुक्ति का मामला
विधानसभा में मंगलवार को सदन में जबलपुर में फर्जी शैक्षणिक योग्यता के आधार पर नियुक्ति के मामले में कार्यवाही किए जाने को लेकर कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव उठाया। उन्होंने कहा कि विक्टोरिया हॉस्पिटल के अधिकारी की शैक्षणिक योग्यता फर्जी है। जिसकी पुष्टि सदन में शिक्षा मंत्री ने भी की है। इस मामले में उप मुख्यमंत्री राजेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि जो जांच रिपोर्ट उनके पास है, उसमें संबंधित व्यक्ति की शैक्षणिक योग्यता फर्जी नहीं बताई गई है। इसको लेकर काफी देर तक चर्चा होने के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, विधायक अजय सिंह समेत अन्य कांग्रेस विधायकों ने कहा कि मंत्री इस मामले में कार्यवाही नहीं करना चाहते हैं। शायद उनकी संबंधित अधिकारी पर विशेष कृपा है। इसके बाद जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस ने सदन से वॉक आउट कर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर