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नई दिल्ली, 5 अगस्त (हि.स.)। भारत सरकार ने विदेशी पर्यटकों, व्यवसायियों, छात्रों और पेशेवरों के लिए ई-वीजा प्रणाली को और अधिक सरल, लचीला और तकनीकी रूप से उन्नत बनाकर देश में वैध आव्रजन को सुविधाजनक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह जानकारी गृह राज्यमंत्री बंदी संजय कुमार ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
मंत्री ने बताया कि ई-वीजा प्रणाली को पहली बार नवंबर 2014 में 43 देशों के नागरिकों के लिए शुरू किया गया था, जबकि वर्तमान में यह सुविधा 172 देशों के नागरिकों को उपलब्ध है। इसके तहत यात्री भारत के 32 नामित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों और 6 प्रमुख बंदरगाहों से देश में प्रवेश कर सकते हैं।
ई-वीजा प्रणाली पूरी तरह ऑनलाइन है, जिससे विदेशों से आने वाले नागरिक किसी भी स्थान से आवेदन कर सकते हैं। यह सुविधा भारत में पर्यटन, व्यापार, चिकित्सा और अन्य वैध उद्देश्यों के लिए विदेशी आगमन को सुगम बनाने में कारगर सिद्ध हो रही है। वर्तमान में ई-वीजा 13 उप-श्रेणियों में उपलब्ध है, जिनमें ई-टूरिस्ट वीजा, ई-बिजनेस वीजा, ई-मेडिकल वीजा, ई-कॉन्फ्रेंस वीजा, ई-स्टूडेंट वीजा और ई-माउंटेनियरिंग वीजा जैसी श्रेणियां शामिल हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2019 में 30 दिनों की दोहरी प्रविष्टि वाली ई-टूरिस्ट वीजा योजना शुरू की गई थी, जिसकी फीस 25 अमेरिकी डॉलर रखी गई थी। इसके अतिरिक्त, ऑफ-सीजन (अप्रैल-जून) के दौरान पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए यह शुल्क घटाकर 10 डॉलर कर दिया गया था।
गृह राज्यमंत्री कुमार ने बताया कि ई-वीजा प्रणाली को लगातार और अधिक उदार बनाने की दिशा में काम जारी है। इसमें वीजा शुल्क में छूट, विशेष पर्यटक समूहों के लिए विशेष वीजा श्रेणियों की व्यवस्था और द्विपक्षीय संबंधों, सुरक्षा आवश्यकताओं, निवेश एवं पर्यटन प्रवाह को ध्यान में रखकर नीतिगत निर्णय लिए जाते हैं। सरकार का उद्देश्य है कि वैध यात्रियों को भारत आने के लिए किसी प्रकार की अनावश्यक बाधा का सामना न करना पड़े और देश की आंतरिक सुरक्षा को भी प्रभावी बनाए रखा जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार