Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
- केंद्र ने पहल और आधार प्रमाणीकरण के जरिए एलपीजी सब्सिडी हस्तांतरण को मजबूत किया: हरदीप सिंह पुरी
नई दिल्ली 05 अगस्त (हि.स)। केंद्र सरकार घरेलू एलपीजी उपभोक्ताओं के लिए एलपीजी वितरण और सब्सिडी हस्तांतरण को कुशल, पारदर्शी और समावेशी बनाने के लिए निरंतर कदम उठा रही है। एलपीजी का दुरुपयोग रोकने के लिए देश भर में 4 करोड़ से अधिक फर्जी कनेक्शन निष्क्रिय किए गए हैं।
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को राज्यसभा में एक तारांकित सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देशभर के सभी एलपीजी वितरकों में आईवीआरएस/एसएमएस रिफिल बुकिंग सिस्टम लागू किया गया है। इस सिस्टम के तहत उपभोक्ताओं को रिफिल बुकिंग, कैश मेमो जनरेशन और रिफिल डिलीवरी जैसे प्रमुख चरणों पर एसएमएस के जरिए सूचनाएं प्राप्त होती हैं, जिससे वे अपने लेन-देन को ट्रैक कर सकते हैं और गलत या न मिलने की स्थिति में रिपोर्ट कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने सदन को बताया कि पहल (डीबीटीएल) योजना, आधार-आधारित सत्यापन, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और अयोग्य या नकली कनेक्शनों को हटाने जैसी पहलों के कार्यान्वयन से लक्षित सब्सिडी हस्तांतरण प्रणाली काफी मजबूत हुई है। उन्होंने आगे कहा कि तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने डिलीवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएसी) शुरू किया है, जो कैश मेमो जनरेशन के समय उपभोक्ता को एसएमएस के माध्यम से भेजा जाता है। इसको गैस डिलीवरी के समय डिलीवरी कर्मियों के साथ साझा करना आवश्यक होता है, जिससे प्रमाणीकरण सुनिश्चित होता है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि 1 जुलाई तक मौजूदा पीएमयूवाई लाभार्थियों में से 67 फीसदी का बायोमेट्रिक आधार प्रमाणीकरण पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सभी नए पीएमयूवाई उपभोक्ताओं को कनेक्शन जारी होने से पहले बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण से गुजरना होगा। पुरी ने बताया कि डुप्लीकेशन हटाने की प्रक्रिया के परिणामस्वरूप, 8.49 लाख प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) कनेक्शन समाप्त कर दिए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि जनवरी, 2025 में उन पीएमयूवाई उपभोक्ताओं को हटाने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की गई थी, जिन्होंने कनेक्शन लगने के बाद कोई रिफिल नहीं लिया था। इस एसओपी के तहत लगभग 12,000 निष्क्रिय पीएमयूवाई कनेक्शन समाप्त कर दिए गए हैं। पुरी ने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान लगभग 194 करोड़ एलपीजी रिफिल उपभोक्ताओं को वितरित किए गए। इनमें से केवल 0.08 फीसदी के लिए शिकायतें प्राप्त हुईं, जो ज्यादातर सब्सिडी हस्तांतरण या वितरण में देरी से संबंधित थी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर