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इसी माह आएगा रिजल्ट, 6433 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ
जोधपुर, 4 अगस्त (हि.स.)। पशु परिचर (एनिमल अटेंडेंट) भर्ती-2023 प्रक्रिया पर से रोक हट गई है। भर्ती में नंबरों को बराबर करने (स्केलिंग) का तरीका गलत बताते हुए लगाई गई याचिका को राजस्थान हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब 6433 पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए 17 लाख से ज्यादा आवेदन आए थे।
याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस रेखा बोराणा की कोर्ट ने स्पष्ट किया कि भर्तियों की प्रक्रिया, जिसमें विशेषज्ञों की ओर से चुने गए मानकों का पालन किया गया। उसमें कोर्ट को हस्तक्षेप का कोई आधार नहीं दिखा। गत 24 जुलाई 2025 को कोर्ट ने इससे जुड़े सभी स्टे और अन्य लंबित आवेदनों को भी खारिज कर दिया था। नौ मई 2025 को राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। तेरह मई 2025 को कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगाई थी।
इसी महीने खत्म होगा इंतजार
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने कहा कि कोर्ट के फैसले के बाद बोर्ड अब जल्द ही रिजल्ट जारी करेगा। हम पूरी कोशिश करेंगे कि अभ्यर्थियों का इंतजार इसी महीने खत्म हो जाए। अगस्त के आखिरी सप्ताह तक पशु परिचर भर्ती का रिजल्ट जारी कर दिया जाए।
इन्होंने दी थी हाईकोर्ट में चुनौती
नितेश पाटीदार (डूंगरपुर), महेश कुमार (डीडवाना-कुचामन), हिमांशु सुथार (डूंगरपुर), राकेश रुले (चूरू), अंकित कुमार (श्रीगंगानगर), अशोक जाट (चित्तौडग़ढ़), सुखलाल उपाध्याय (चूरू), राकेश रिंवा (नागौर), मानाराम (बाड़मेर), दिलीप सिंह (सिरोही), अल्ताफ कुरैशी (नागौर), मंजू बाला (गंगानगर), विपुल कुमार (बांसवाड़ा), सचिन गनोलिया (चूरू) और कृष्णपाल सिंह (पाली) ने स्केलिंग फॉर्मूले को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया पर स्टे लगा दिया गया था।
कोर्ट ने यह कहा
जस्टिस रेखा बोराणा की कोर्ट ने पाया कि यह बात साफ थी कि लिखित परीक्षा अलग-अलग शिफ्टों में होगी और नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यह बात पांच जून, 2024 के सर्कुलर में बता दी गई थी। इसका मतलब है कि सभी उम्मीदवारों को उस समय इसकी जानकारी थी। किसी ने भी उस समय इस शर्त या प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठाया। कोर्ट ने दोहराया कि कानून के हिसाब से, कोई भी उम्मीदवार जो भर्ती प्रक्रिया में शामिल होता है, वह बाद में, असफल घोषित होने के बाद, विज्ञापन की किसी भी शर्त को चुनौती नहीं दे सकता। इस बारे में, कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के तजवीर सिंह सोढ़ी और अन्य बनाम जम्मू और कश्मीर राज्य और अन्य (2023) 17 एससीसी 147 के फैसले का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि उम्मीदवार, जो बिना किसी आपत्ति के चयन प्रक्रिया में शामिल हुए थे, वे असफल घोषित होने के बाद उसे चुनौती नहीं दे सकते।
याचिकाकर्ताओं का तर्क
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि तीन अप्रैल 2025 को आए एनिमल अटेंडेंट भर्ती रिजल्ट में स्केलिंग फॉर्मूले का इस्तेमाल किया गया है। जबकि 6 अक्टूबर, 2023 के विज्ञापन में सिर्फ नेगेटिव मार्किंग की बात कही गई थी। विज्ञापन में साफ लिखा था कि हर सही जवाब के लिए एक नंबर मिलेगा और हर गलत जवाब के लिए 1/4 नंबर कटेगा। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि विज्ञापन में कहीं भी स्केलिंग, नॉर्मलाइजेशन या रेशनलाइजेशन जैसी किसी भी तरीके का जिक्र नहीं था। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि स्केलिंग के बाद भी उम्मीदवारों के रॉ मार्क्स (बिना स्केलिंग के मिले नंबर) घोषित नहीं किए गए और न ही रिजल्ट के साथ अलग-अलग कैटेगरी के लिए कट-ऑफ मार्क्स बताए गए।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश