मप्र में फिर भारी बारिश का अलर्ट, चित्रकूट में मंदाकिनी नदी उफान पर, 100 से ज्यादा दुकानें जलमग्न
मध्‍य प्रदेश में बारिश से संबंधित फोटो


भोपाल, 4 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के उत्तरी जिलों में फिर से भारी बारिश का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल अंचल में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। ग्वालियर, दतिया और मुरैना जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान साढ़े आठ इंच (204 मिमी तक) बारिश होने की संभावना जताई गई है। इन इलाकों में तेज बारिश के साथ जलभराव, निचले क्षेत्रों में बाढ़ और यातायात में व्यवधान की स्थिति बनने की आशंका है। स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

इनके अलावा श्योपुर, निवाड़ी, गुना, शिवपुरी, अशोकनगर और छतरपुर जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। यहां मध्यम से भारी बारिश के साथ गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है। शेष बचे जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश के साथ आकाशीय बिजली की संभावना को देखते हुए यलो अलर्ट लागू किया गया है। इनमें से ज्‍यादातर जिलों में रविवार को भी झमाझम बारिश हुई थी, जिससे कई जगहों पर जलभराव की स्थिति बन गई।

मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के उत्तरी हिस्से के ऊपर एक ट्रफ लाइन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है, जिसका सीधा असर इन जिलों पर देखने को मिल रहा है। अनुमान है कि अगले 24 घंटे में इन क्षेत्रों में 4.5 इंच तक वर्षा हो सकती है। इस संबंध में मौसम वैज्ञानिक देवेश सिंह ने जानकारी दी कि सीधी, सिंगरौली, रीवा, मऊगंज, सतना/चित्रकूट, मैहर, शहडोल/बाणसागर बांध पर बिजली के साथ मध्यम बारिश होने की संभावना है। साथ ही श्योपुर कलां, मुरैना, ग्वालियर/एपी, भिंड, दतिया/रतनगढ़, शिवपुरी, निवाड़ी/ओरछा, छतरपुर/खजुराहो, पन्ना/टीआर, दमोह, कटनी, भोपाल, उमरिया, जबलपुर, अनूपपुर/अमरकंटक, गुना, पर हल्की बारिश होने की संभावना है। मध्य रात्रि में अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, सिवनी, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, सीहोर, देवास, मंदसौर, नीमच, आगर, शाजापुर, राजगढ़, रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, उज्जैन, टीकमगढ़, सागर, धार, इंदौर, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा में हल्‍की बारिश हुई है।

भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी और उत्तर-पश्चिम मध्य प्रदेश पर बना निम्न दबाव क्षेत्र तेजी से सक्रिय हो रहा है, जिससे अगले 24 से 48 घंटे के भीतर ग्वालियर-चंबल अंचल में अत्यधिक वर्षा हो सकती है। यह तंत्र अब राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा के पास केंद्रित होता दिख रहा है। उधर, उत्तरप्रदेश में यमुना नदी के जलस्तर में वृद्धि का असर मध्‍य प्रदेश के चित्रकूट में भी देखने को मिला है। यहां की मंदाकिनी नदी उफान पर है, जिससे शहर के बाजार क्षेत्र में सौ से अधिक दुकानें पानी में डूब गईं। लोगों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

मौसम विभाग के अनुसार, 16 जून से अब तक प्रदेश में औसतन 28.4 इंच बारिश दर्ज की जा चुकी है, जबकि इस अवधि के लिए सामान्य आंकड़ा 19 इंच होता है। यानी इस बार मानसून ने औसत से कहीं ज्यादा मेहरबानी दिखाई है। अब तक जिन जिलों में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है, उनमें शामिल हैं- ग्वालियर, अशोकनगर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, राजगढ़, शिवपुरी, गुना, मुरैना और श्योपुर। इन जिलों में पचास प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है, जिससे कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई है। हालांकि इस बीच राजधानी के पास स्थित सीहोर जिला बारिश की कमी से जूझ रहा है। यहां की सीवन नदी में बहुत कम पानी है, जो स्थानीय ग्रामीणों और किसानों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है। खेतों में नमी की कमी और जलस्रोतों के सूखने से बोवनी कार्य प्रभावित हुआ है।

मौसम विभाग के वैज्ञानिकों ने हालांकि उम्मीद जताई है कि अगस्त के मध्य से लेकर सितंबर के अंत तक सीहोर और अन्य कम वर्षा वाले जिलों में मानसून सक्रिय रहेगा और बारिश का औसत आंकड़ा पूरा हो सकता है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभागों में भी अब तक औसत से कम वर्षा हुई है, जबकि भोपाल और जबलपुर में इस सीजन की लगभग आधी बारिश ही दर्ज की गई है।

उल्‍लेखनीय है कि पिछले सप्ताह प्रदेश के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए थे। रायसेन में बेतवा नदी ने विकराल रूप ले लिया था। नर्मदा नदी अभी भी उफान पर है और कई डैम ओवरफ्लो हो चुके हैं, जिसके चलते उनके गेट खोल दिए गए हैं। यहां देखने में यही आ रहा है कि राज्‍य में इस वक्‍त मानसून एक ओर कुछ जिलों में राहत और चुनौती दोनों ला रहा है, वहीं दूसरी ओर कुछ ज़िले अब भी बादलों की प्रतीक्षा में हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी