सावन के अंतिम सोमवार पर जयपुर के विभिन्न शिवालयों में भोले का अभिषेक
सावन के अंतिम सोमवार पर शहर भर के विभिन्न शिवालयों में भोले का अभिषेक


सावन के अंतिम सोमवार पर शहर भर के विभिन्न शिवालयों में भोले का अभिषेक


जयपुर, 4 अगस्त (हि.स.)। सावन के अंतिम सोमवार को शहर भर के विभिन्न शिवालयों में बम बम भोले के जयकारों के साथ ओम नमः शिवाय मंत्रों की गूंज सुनाई दी। इसी के साथ देर रात से तीर्थ नगर गलता में कांवड़ यात्री कांवड़ भरते हुए नजर आए। कांवड़ियों ने सर्व प्रथम गलता से कांवड भर कर वहां स्थित भोले नाथ का अभिषेक किया । जिसके पश्चात अलग-अलग समूह में आए कांवडिए अपनी-अपनी कावड़ लेकर विभिन्न जगहों के लिए रवाना हुए।

मंदिरों में रही भीड़

सावन के अंतिम सोमवार शहर भर के विभिन्न शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी भक्तों ने जल, दूध, बेलपत्र भगवान शिव को अर्पित किए।तीर्थं नगरी गलता मंदिर में भी देर रात भीड़ रही। देर रात यहां से कांवड़ लेकर लोग सोमवार सुबह अलग-अलग मंदिरों तक पहुंचे। सुबह 3 बजे से मंदिरों के बाहर लंबी कतारें लगनी शुरू हो गई।

चौड़ा रास्ता, ताड़केश्वर महादेव मंदिर

ताड़केश्वर महादेव मंदिर में अल सुबह ही भक्तगण भोलेनाथ का अभिषेक करने के लिए पहुंच गए। सुबह तीन बजे भोले बाबा का पंचामृत अभिषेक व गंगाजल से अभिषेक किया गया। जिसके बाद भोलेनाथ का श्रृंगार किया गया। जिसके पश्चात मंगला आरती की गई। श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट सुबह 4 बजे खोले गए। जिसके बाद जलाभिषेक का कार्यक्रम शुरू हुआ और श्रद्धालु भोले नाथ के अभिषेक के लिए अपनी -अपनी बारी आने का इंतजार करते नजर आए। सावन के अंतिम सोमवार को भोले बाबा की विशेष झांकी सजाई गई।

मंदिर महंत अमित पाराशर ने बताया- सोमवार को मंदिर परिसर में सवा लाख बेल पत्रों की झांकी सजाई गई । भगवान भोलेनाथ को 56 भोग अर्पित किए गए । भगवान शिव का 251 लीटर देशी गाय के घी से अभिषेक किया गया। जिसमें 51 लीटर दूध, 51 लीटर शहद, 51 लीटर गन्ने का रस शामिल किया गया ।

महामृत्युंजय मंत्रों में शामिल होने वाले बालकों को 3 रुपए की दक्षिणा भी प्रदान की गई

ताड़केश्वर महादेव के दरबार में सोमवार को दोपहर 12 बजे से विशेष आयोजन के तहत युवाओं को सनातन संस्कृति से रूबरू कराने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का विशेष जाप कराया गया, साथ ही मंत्र जाप करने के नियम भी युवाओं को बताए गए । इस मौके पर बाबा भोलेनाथ का गुणगान करते हुए युवा पीढ़ी बड़ी संख्या में ताड़केश्वर जी मंदिर में विद्वानों के सानिध्य में आयोजन में भाग लिया । आयोजन से जुड़े विद्वान युवाचार्य आनंद मेहता ने बताया कि हमारी भारतीय संस्कृति में मंत्रों का विशेष महत्व है। इसी क्रम में श्रावण मास के विशेष अवसर पर यह आयोजन शहर के प्राचीन चौड़ा रास्ता के ताड़केश्वर मंदिर में भोलेनाथ के दरबार में किया गया । इसमें युवा पीढ़ी को महामृत्युंजय मंत्र के महत्व को बताया गया , वहीं विधि समझाई गई जिसका कि हमारे जीवन में बहुत अधिक महत्व है। सभी युवा भारतीय वेशभूषाएं पीत, श्वेत वस्त्र, धोती-कुर्ता, कुर्ता -पायजामा में उपस्थित हुए। ताड़केश्वर मंदिर में आयोजित होने वाले महामृत्युंजय मंत्रों में शामिल होने वाले बालकों को 3 रुपए की दक्षिणा भी प्रदान की गई।

सोड़ाला स्थित सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर

सोडाला स्थित सिद्धेश्वर हनुमान मंदिर में सावन के अंतिम सोमवार को शिवालय मे 20 हजार लीटर गंगाजल से महा अभिषेक किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने अपनी उपस्थित दर्ज कराई। इस अवसर पर मंदिर समिति की ओर से हरिद्वार की हर की पौड़ी से 20 हजार लीटर गंगाजल मंगवाया गया। सोमवार को मंदिर प्रांगण में अल सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालुओं ने भोले नाथ का अभिषेक करना प्रारंभ कर दिया।

मुख्यमंत्री निवास में स्थित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज राजेश्वरी मंदिर में पत्नी संग की पूजा-अर्चना

सावन के अंतिम सोमवार के अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपनी पत्नी संग मुख्यमंत्री निवास में स्थित राज राजेश्वरी मंदिर में विशेष पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों के अमन चैन और खुशहाली की कामना की।

देवस्थान विभाग की ओर से भी प्रमुख शिवालयों पर हुए अभिषेक

राजस्थान देवस्थान विभाग की ओर से राजस्थानी में प्रमुख शिवालयों पर सावन के अंतिम सोमवार को विशेष अभिषेक किए गए। देवस्थान मंत्री जोगराम कुमावत ने बड़ी चौपड़ स्थित शिवालय पर जल अभिषेक कर विशेष पूजा-अर्चना की। जिसके पश्चात उन्होने प्रदेशवासियों की स्वस्थ्य और अमन चैन की कामना की।

कावडिय़ों के रंग में रंगा परकोटा:हजारों की संख्या में कावड़िए कांवड लेकर हुए रवाना

सावन माह के आखिरी सोमवार को गलताजी से हजारों की संख्या में कावडि़ए कावड़ लेकर कॉलोनी के मंदिरों के लिए रवाना हुए। बोल बम ताडक़ बम के जयघोष के साथ कावड़ यात्राएं गलताजी से रवाना होकर चारदीवारी होती हुई कॉलोनियों में पहुंची। वेद मंत्रोच्चार के साथ भगवान भोलेनाथ का अभिषेक किया गया।

सूरजपोल, रामगंज, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, चांदपोल सुबह से ही कावड़मय हो गई। एक ही वेशभूषा में कावड़िए कंधे पर कावड़ लेकर पहुंचे तो लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। कई कावड़ यात्राओं में महिलाएं कलश लेकर सम्मिलित हुई। कावड़ यात्राओं में भगवान भोलेनाथ, मां पार्वती के साथ उनके अघोरी नृत्य करते चल रहे थे। कई अन्य झांकियां भी आकर्षण का केन्द्र रही। महाकाल सेवा समिति की कावड़ यात्रा गलता तीर्थ से रवाना होकर रोड नंबर 17 पहुंची। यहां लोगों ने कावडिय़ों का स्वागत किया। मंदिर में कावडिय़ों ने पवित्र जल से महादेव का अभिषेक किया। भक्तों ने भोलेनाथ से परिवार, देश में सुख-समृद्धि की कामना की।

आनंदेश्वर महादेव को अर्पित किए सवा लाख बिल्व पत्र

श्री खोले के हनुमान मंदिर स्थित श्री आनन्देश्वर महादेव मंदिर में सावन के चौथे सोमवार को सवा लाख बिल्व पत्र अर्पित किए।

श्री नरवर आश्रम सेवा समिति के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि रविवार सुबह से शुरू हुआ बिल्वपत्र अर्पण करने का कार्य सोमवार दोपहर तक चला। हजारों की संख्या में भक्तों ने बिल्व पत्र अर्पित किए।

इस दौरान मंदिर हर हर महादेव..., ओम नम शिवाय से गूंजता रहा। रविवार से शुरू हुई अखण्ड रामधुनी के पाठों का पारायण भी सोमवार को आरती के साथ हुआ। दोपहर को शिवजी की आकर्षक झांकी की महाआरती की गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश