मुख्यमंत्री डॉ. यादव की मौजूदगी में आनंद ग्रामों के विकास और नदी संरक्षण पर हुए दो एमओयू
जन अभियान परिषद,एवं नर्मदा समग्र भोपाल के मध्य हुआ द्विपक्षीय एमओयू


जन अभियान परिषद, दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट एवं राज्य आनंद संस्थान के मध्य हुआ त्रिपक्षीय एमओयू


- राज्य आनंद संस्थान, दीनदयाल शोध संस्थान एवं जन अभियान परिषद के मध्य त्रिपक्षीय एमओयू

- जन अभियान परिषद एवं नर्मदा समग्र के बीच हुआ द्विपक्षीय एमओयू

भोपाल, 4 अगस्त (हि.स.) । मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन में सोमवार को एक संक्षिप्त कार्यक्रम में मुख्यमंत्री एवं म.प्र. जन अभियान परिषद के अध्यक्ष डॉ. मोहन यादव की उपस्थिति में दो अलग-अलग विषयों से जुड़े समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इन एमओयूस को हस्ताक्षरित कर संबंधित पक्षों द्वारा आदान-प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी पक्षों को बधाई देते हुए कहा कि हम सब मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम करेंगे।

पहला त्रिपक्षीय एमओयू राज्य आनंद संस्थान, भोपाल, दीनदयाल शोध संस्थान, चित्रकूट एवं मप्र जन अभियान परिषद, भोपाल के मध्य हुआ। इस एमओयू का उद्देश्य तीनों संस्थानों द्वारा आपसी प्रशिक्षण के जरिए प्रदेश में आनंद ग्रामों के विकास तथा सतत् विकास के लक्ष्य पर आधारित ग्राम विकास अवधारणा के क्रियान्वयन की साझा पहल करना है।

दूसरा द्विपक्षीय एमओयू म.प्र. जनअभियान परिषद, भोपाल और नर्मदा समग्र, भोपाल के बीच हुआ। इस एमओयू का उद्देश्य दोनों संस्थानों द्वारा मध्यप्रदेश में नदी संरक्षण से जुड़े विविध आयामों पर नागरिकों की मनःस्थिति और वर्तमान परिस्थिति बदलने के लिए साझा प्रयास करना है।

इस अवसर पर म.प्र. जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर, अपर मुख्य सचिव, नगरीय विकास एवं आवास संजय कुमार शुक्ल, प्रमुख सचिव आनंद विभाग राघवेन्द्र कुमार सिंह, राज्य आनंद संस्थान के सीईओ आशीष कुमार गुप्ता, जन अभियान परिषद के कार्यपालक निदेशक डॉ. बकुल लाड़, दीनदयाल शोध संस्थान चित्रकूट के संगठन सचिव अभय महाजन, संस्थान के कोषाध्यक्ष सह सचिव बसंत पंडित, नर्मदा समग्र न्यास, भोपाल के अध्यक्ष राजेश दवे, सचिव करण सिंह कौशिक एवं मुख्य कार्यकारी कार्तिक सप्रे सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

एमओयू की पृष्ठभूमि

म.प्र. जन अभियान परिषद अपने लक्षित उद्देश्यों के अनुरूप स्वैच्छिकता, सामूहिकता एवं स्वावलंबन के माध्यम से शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों में आमजनों की सह‌भागिता सुनिश्चित कर लोगों के जीवन में गुणात्मक परिवर्तन लाने के लिए प्रयत्नशील है। इसके लिए परिषद निरन्तर विशेषज्ञता वाले शासकीय विभागों और संगठनों के साथ एमओयू करके सभी पक्षों की सहमति, सहयोग और समन्वय से कार्यक्रमों और आयोजनों की रूपरेखा तैयार करती है। परिषद के साथ सोमवार को हुए पहले त्रिपक्षीय एमओयू का उद्देश्य यह है कि तीनों संस्थान एक-दूसरे की विशिष्टताओं और विशेषज्ञताओं का लाभ लेकर प्रदेश के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण योगदान करें। दूसरे द्विपक्षीय एमओयू का उद्देश्य अविरल, निर्मल और कल-कल करती मां नर्मदा नदी के साथ-साथ इसकी सहायक नदियों को भी पुनर्जीवन प्रदान करने में आपसी सहयोग और समन्वय से विशेष रणनीति बनाकर इसे नदी संरक्षण की दिशा में तेजी से लागू करना है।

हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत