झज्जर: निकासी इंतजाम सही न होने से झज्जर जिले की कई हजार एकड़ कृषि भूमि जलमग्न
गांव माजरा के खेतों में ही नहीं आबादी में भी पहुंचा बारिश का पानी।


बेरी विकास खंड के माजरा दूबलधन सहित कई गांव, बादली विकासखंड के गांव छुड़ानी आदि और बहादुरगढ़ विकास खंड के छारा, रेवाड़ी खेड़ा व मांडोठी सहित कई गांवों की कई हजार एकड़ कृषि भूमि में फिलहाल दो से चार फुट तक पानी भरा है। हजारों एकड़ फसल नष्ट हो गई है और हजारों एकड़ भूमि को अगली फसल के लिए तैयार किया जाना मुश्किल हो गया है। गांव छुड़ानी की लगभग 700 एकड़ जमीन पानी में डूबी हुई है।

माजरा दूबलधन में जल निकसी पर करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी यहां के कन्या स्कूल व हरिजन कॉलोनी जल भराव की गिरफ्त में आ चुके हैं। बीमाण पाने के रिहायशी इलाको में जल ने डेरा जमा लिया है।जल निकासी के लिए पाइपलाइन माजरा के चंडाली से लेकर लोहारू कैनाल तक बिछाई गई थी। लेकिन घटिया व्यवस्था के कारण यह परियोजना अभिशाप साबित हुई है। यह देवालय के मोहनदास व श्याम जी मंदिर का पानी निकालने के लिए लोहारू कैनाल तक बनाई गई थी।

सीआर स्कूल माजरा दूबलधन के पीछे जब हम देखते हैं तो देवालय से लोहारू कैनाल तक पूरा का पूरा क्षेत्र झील बना हुआ है। इसी प्रकार बावलिए, कालियाला और कंधावाली में भी जल जमा हो गया है। जिससे माजरा में हरिजन कॉलोनी, बीमान पाने के रिहायशी इलाकों और बूस्टर में पानी घुस गया है। हरिजन बस्ती के लोगों के लिए अपने आशियाने छोड़कर दूसरी जगह पलायन करने की स्थिति आ गई है। माजरा का कन्या स्कूल पानी से चारों तरफ से घिर गया है। कंधावाली और कालीआला में कोई भी पाइपलाइन नहीं बिछाई गई है।जबकि देवालय पाइपलाइन में उठान सिस्टम नहीं बनाया गया है। यहां एक वैकल्पिक उठान सिस्टम एक निजी मालिक के खेत में बनाया गया है जो टेंपरेरी काम कर रहा है। जगह-जगह पाइपलाइन बैठ गई है। लीकेज के कारण पानी लोहारू कैनाल तक पानी नहीं पंहुच रहा है।

गांव जलभराव से मुक्त हो सके। जय भगवान उर्फ हैना पंच और जयपाल नंबरदार ने कहा कि बीमान पाने में जल निकासी का कोई प्रबंध नहीं है जिसके कारण कन्या स्कूलए श्रद्धा की धर्मशालाए बुधो माता मंदिर जल भराव की चपेट में आ गए हैं। बुधो माता मंदिर का भी गांव की आबादी से संपर्क टूट गया है। ग्राम निवासी राजवीर मैं उच्च प्रशासनिक अधिकारियों से इस बड़े गांव में जल निकासी के सही इंतजाम शीघ्र करने की मांग की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / शील भारद्वाज