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नैनीताल, 4 अगस्त (हि.स.)। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी अधिवक्ता संघ-हाईकोर्ट की पहल पर नैनीताल क्लब में राज्य निर्माण आंदोलनकारी समन्वय समिति की ओर से एक विशेष सम्मेलन आयोजित किया गया। इस अवसर पर राज्य आंदोलन के दौरान हुए मुजफ्फरनगर कांड के मुख्य गवाह आरक्षी सुभाष गिरी की संदेहास्पद स्थिति में रेल में हुई मौत की सीबीआई जांच की मांग की गयी।
राज्यभर के वरिष्ठ आंदोलनकारियों की भागीदारी के साथ गोपेश्वर से आई वरिष्ठ आंदोलनकारी राजकुमारी गैरोला की अध्यक्षता व अधिवक्ता भगवत सिंह नेगी के संचालन में आयोजित सम्मेलन में वक्ताओं ने बताया कि सुभाष गिरी की मृत्यु की जांच पहले सीबीसीआईडी द्वारा की गई थी, जिसमें पुलिस की ओर से अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई है, किंतु आंदोलनकारियों व अधिवक्ताओं का कहना है कि यह मृत्यु अत्यंत संदिग्ध थी और इसकी निष्पक्ष जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराई जानी आवश्यक है।
इसके लिए शीघ्र ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से भेंट कर उनकी संस्तुति प्राप्त की जाएगी। सम्मेलन में उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान मुजफ्फरनगर सहित अन्य स्थानों पर आंदोलनकारियों के साथ हुई घटनाओं पर विचाराधीन मुकदमों की अद्यतन स्थिति और न्यायालयों में चल रही पैरवी पर भी चर्चा हुई। अधिवक्ताओं के अनुसार वर्ष 2003 में न्यायालय द्वारा रद्द किए गए तत्कालीन जिलाधिकारी अनंत कुमार सहित सात अन्य के विरुद्ध दर्ज अभियोगों को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद पुर्नस्थापित कराया गया है। ये अभियोग वर्तमान में मुजफ्फरनगर की जिला अदालत में विचाराधीन हैं, जिनमें कुछ अभियुक्तों को सजा सुनाई जा चुकी है और अन्य का परीक्षण जारी है। सम्मेलन में इन अभियोगों की पैरवी कर रहे अधिवक्ता अनुराग वर्मा और रजनीश चौहान का विशेष रूप से सम्मान किया गया।
अधिवक्ता रमन शाह ने सम्मेलन को गैर राजनीतिक बताते हुए कहा कि सभी दलों से जुड़े आंदोलनकारी इसमें सम्मिलित हैं और यह संघर्ष राज्य आंदोलन से जुड़े अभियोगों की प्रभावी पैरवी के लिए है। वक्ताओं ने गैरसैंण को राजधानी न बनाए जाने और पहाड़ से बढ़ते पलायन को भी राज्य निर्माण के मूल उद्देश्यों से भटकाव का परिणाम बताया। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष प्रभाकर जोशी, महासचिव वीरेंद्र सिंह रावत, अधिवक्ता डीके जोशी, रवींद्र बिष्ट, विपुल पैन्यूली ने भी इन मुकदमों की पैरवी में सहयोग देने की प्रतिबद्धता जताई।
सम्मेलन में अल्मोड़ा से कमला जोशी, देहरादून से प्रदीप कुकरेती, अभिषेक सती, राज्य आंदोलनकारी मंच देहरादून के अध्यक्ष जगमोहन नेगी, कोटद्वार के महेंद्र रावत, संजय कश्यप, कपिल चोहान, भूपेंद्र रावत, नैनीताल से लीला बोरा व पान सिंह सिजवाली आदि ने भी सहभागिता की।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी