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शिवपुरी, 4 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना सीमा क्षेत्र में पैरोल पर आए व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई, मृतक ग्वालियर का रहने वाला था जोकि सजायाफ्ता कैदी था । मृतक को अपने पिता की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में जेल हुई थी, लेकिन अब जब वह पैरोल पर आया तो उसकी भी हत्या कर दी गई ।
दरअसल, पुलिस ने अब इस ब्लाइंड मर्डर का खुलासा किया है। इस मामले में मृतक के छोटे भाई ने ही हत्या की कहानी लिखी थी। इस कहानी में एक 16 साल की लड़की को हथियार बनाया गया था तो वहीं एक शूटर को भाई की हत्या करने की सुपारी दीड़ गईथी। इस घटना में सबसे बड़ी बात यह निकली है, मृतक का भाई मध्य प्रदेश पुलिस में एएसआई होकर इंदौर में पदस्थ है। हत्या का कारण पारिवारिक संपत्ति को बताया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि शिवपुरी जिले के सुभाषपुरा थाना सीमा में स्थित ग्वालियर-शिवपुरी एनएच 26 पर 23 जुलाई की देर रात अजय तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतक अजय तोमर ने 2017 में अपने पिता हनुमान सिंह तोमर के सिर में चार गोली मारकर हत्या कर दी थी। अपने पिता की हत्या और भाई पर जानलेवा हमला करने के आरोप में लीलाधर उर्फ अजय तोमर को न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी। मृतक वर्तमान समय में पैरोल पर चल रहा था। 29 जुलाई को पैरोल खत्म होने वाली थी, मृतक महिला मित्र के साथ शिवपुरी भ्रमण पर आया था। बुधवार की देर रात वह ग्वालियर लौट रहा था। तभी रास्ते में सतनवाड़ा थाना सीमा में स्थित फोरलेन पर एक सीएनजी पंप पर कार में गैस भरवाकर जैसे ही कार सुभाषपुरा थाना सीमा में पहुंची, तभी महिला ने टॉयलेट के लिए कार रुकवाई उसी समय बाइक पर सवार होकर अज्ञात बदमाश आए और सीधे लीलाधर को टारगेट कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना शुरू कर दीं।
कार चालक भगत सिंह ने पुलिस को बताया कि वह कार को भगाकर सीधे ग्वालियर ट्रामा सेंटर पहुंचा। डॉक्टरों ने लीलाधर तोमर उर्फ अजय तोमर को मृत घोषित कर दिया। इस अंधे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस अधीक्षक अमन सिंह राठौड़ ने एक विशेष टीम का गठन किया। प्रकरण में अनुसंधान के दौरान यह ज्ञात हुआ कि मृतक अजय के पिता की हत्या होने से पुलिस विभाग में उसके छोटे भाई भानू तोमर को अनुकंपा नियुक्ति मिली थी जो इंदौर में एएसआई के पद पर था। मृतक अजय तोमर के जेल जाने के कारण उसका अपनी पत्नी से तलाक हो गया था। मृतक के भाई भानू तोमर ने पैतृक मकान बेच दिया गया था। मकान व अन्य सम्पत्ति के पैसों को लेकर अभी पैरोल पर आने के बाद सेटलमेंट की चर्चा चल रही थी।
घटना वाली रात मृतक अजय तोमर की कार के पीछे एक कार भी चल रही थी। इस कार के नंबर को सर्च किया तो यह अजय तोमर के बड़े भाई एएसआई भानू सिंह तोमर की कार का चलना सामने आया । पुलिस ने कैमरो की जांच में पाया कि अज्ञात लड़की धर्मेन्द्र कुशवाह, मोनेश तोमर, के साथ ग्वालियर में देखी गई एवं वही युुुवती धर्मेन्द्र के साथ मृतक अजय तोमर से मिलते हुए दिखाई दी थी। घटना दिनांक को उक्त अज्ञात संदिग्ध लडकी होटल टाउनहाउस (शैल्टर होटल) पड़ाव पर मृतक के भाई भानू तोमर के साथ देखी गई थी।
धर्मेन्द्र कुशवाह के पिछले रिकॉर्ड को खंगाला गया तो वह एक पेशेवर शूटर होने की जानकारी सामने आई । उसके विरूद्ध थाना जनकगंज में हत्या ,हत्या के प्रयास सहित गंभीर धाराओं में 07 अपराध पंजीबद्ध थे, उसके द्वारा वर्ष 2011 अपने मोहल्ले पिंकड दादा नाम के व्यक्ति की हत्या की थी, जिसमें 26 जनवरी 2025 को अपनी सजा पूरी कर जेल से छूटकर आया था। धर्मेन्द्र और मृतक अजय तोमर केंद्रीय जेल में एक साथ बंद थे। दोनों की जेल में ही दोस्ती हो गई थी। पुलिस ने धर्मेन्द्र कुशवाह का उठाया और उससे पूछताछ की गई तो उसने इस हत्या का पूरा सच उगल दिया।
पुलिस ने शूटर धर्मेंद्र कुशवाह, उसकी साथी नाबालिग लड़की और मोनेश तोमर को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल हुआ 315 बोर का कट्टा और एक अंगूठी भी बरामद की है। इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी भानू तोमर फिलहाल फरार है, जिसकी तलाश जारी है। धर्मेन्द्र कुशवाह को एक लाख की सुपारी दी गई थी। वहीं इस हत्याकांड में आरोपी बनी नाबालिग लड़की कॉर्लगर्ल का काम करती है ।
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हिन्दुस्थान समाचार / युगल किशोर शर्मा