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कोलकाता, 04 अगस्त (हि. स.)। संसद के मानसून सत्र के शेष दिनों में तृणमूल कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे ‘बंगाली उत्पीड़न’ और विशेष गहन समीक्षा (एसआईआर) जैसे मुद्दों का भारतीय जनता पार्टी अब आक्रामक जवाब देने की तैयारी में है। भाजपा की योजना है कि वह पश्चिम बंगाल में व्याप्त भ्रष्टाचार, महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध और अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में हो रही सांप्रदायिक हिंसा को प्रमुखता से संसद में उठाएगी।
दोनों ही दलों की ओर से सोमवार को अपनी-अपनी संसदीय रणनीति को अंतिम रूप देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के साथ वर्चुअल बैठक बुलाई है, जिसमें 'एसआईआर' और 'बंगाली उत्पीड़न' जैसे मुद्दों पर संसद के भीतर पार्टी की रणनीति तय की जाएगी।
दूसरी ओर, भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद शामिक भट्टाचार्य के नेतृत्व में बंगाल से भाजपा के सांसद सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे। भट्टाचार्य ने इस बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि इसमें राज्य के मौजूदा ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होगी, हालांकि उन्होंने एजेंडे की विस्तृत जानकारी देने से इनकार किया।
भाजपा की राज्य इकाई के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि तृणमूल सांसदों द्वारा संसद में केंद्र सरकार के खिलाफ जो मुद्दे उठाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह से बंगाल केंद्रित हैं और उन्हें उसी दिन प्रभावी ढंग से जवाब देना आवश्यक है। लेकिन कई बार ऐसा संभव नहीं हो पाता क्योंकि हर दिन पश्चिम बंगाल से भाजपा के सांसदों को वक्ता सूची में शामिल नहीं किया जाता।
इस स्थिति से निपटने के लिए, सोमवार को भाजपा सांसद केंद्रीय गृह मंत्री से यह आग्रह करेंगे कि मानसून सत्र के शेष दिनों में हर दिन कम से कम एक बंगाल से भाजपा सांसद को बोलने का अवसर सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने कहा कि भाजपा का मानना है कि तृणमूल कांग्रेस बंगाली अस्मिता के नाम पर असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है, और अब समय आ गया है कि संसद में इन आरोपों का तथ्यपरक और सटीक जवाब दिया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर