सकाहा के संकट हरण बाबा मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब
सकाहा के संकट हरण बाबा मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद


सकाहा के संकट हरण बाबा मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद


सकाहा के संकट हरण बाबा मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद


सकाहा के संकट हरण बाबा मंदिर में उमड़ा आस्था का सैलाब, जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद

हरदोई,04 अगस्त (हि. स.)

सावन के चौथे सोमवार को जिले के प्रसिद्ध शिव संकट हरण महादेव मंदिर सकाहा में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। भोर से ही श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगनी शुरू हो गई थी, जो बढ़ते-बढ़ते करीब डेढ़ किलोमीटर तक फैल गई। श्रद्धालु 'हर हर महादेव' और 'बोल बम' के जयकारों के साथ बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धा में डूबे नजर आए।

सकाहा मंदिर को शिव संकट हरण महादेव मंदिर के रूप में जाना जाता है और यह अपनी पौराणिकता एवं चमत्कारी मान्यताओं के चलते दूर-दराज के क्षेत्रों से भक्तों को आकर्षित करता है।

श्रावण मास में शिवभक्तों की आस्था को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क और संवेदनशील है। इसी कड़ी में सोमवार को जिलाधिकारी अनुनय झा एवं पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार जादौन ने बेहटा गोकुल थाना क्षेत्र के प्रसिद्ध सकाहा मंदिर पहुंचकर कांवड़ यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया।

आस्था की मर्यादा का पालन करते हुए दोनों अधिकारी नंगे पांव और कमर से बेल्ट उतारकर मंदिर प्रांगण में पहुंचे, जिससे वहां मौजूद श्रद्धालुओं के बीच एक सकारात्मक संदेश गया। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर, मार्गों, प्रवेश व निकासी मार्गों सहित सभी संवेदनशील बिंदुओं की सुरक्षा और सुविधा व्यवस्था का बारीकी से अवलोकन किया।

निरीक्षण के बाद डीएम-एसपी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्गों पर साफ-सफाई, पेयजल, चिकित्सा सहायता, ट्रैफिक नियंत्रण और सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था रहे। उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन को लेकर विशेष सतर्कता बरती जाए और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए त्वरित कार्रवाई दल (क्विक रिस्पॉन्स टीम) हर समय तैनात रहे।

अधिकारियों ने स्थानीय नागरिकों, स्वयंसेवी संगठनों और व्यापारियों से अपील की कि वे व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें। उन्होंने कहा, श्रावण मास की यह कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि जन-आस्था का प्रतीक है। इसका शांतिपूर्ण और सफल आयोजन हम सभी की साझा जिम्मेदारी है।

मंदिर के पुजारी राम प्रताप गिरी ने बताया कि यह एक प्राचीन मंदिर है, जहां सावन के प्रत्येक सोमवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। आज की भीड़ पिछले वर्षों की अपेक्षा अधिक रही है।भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन व पुलिस ने विशेष सुरक्षा इंतजाम किए हैं। पुलिस अधीक्षक स्वयं मंदिर परिसर में मौजूद रहकर सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारी भीड़ को सुव्यवस्थित ढंग से दर्शन कराने के लिए पर्याप्त पुलिस बल लगाया गया है। पुरुषों और महिलाओं की अलग-अलग लाइनें बनवाई गई हैं, ताकि व्यवस्था बनी रहे।

सुरक्षा व्यवस्था के तहत चार थाना प्रभारी, पांच निरीक्षक और उनके नेतृत्व में लगभग 125 पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके साथ ही डेढ़ सेक्शन पीएसी, फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस की भी विशेष व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।श्रद्धा और सुरक्षा के इस बेहतर समन्वय ने आज के दिन को शांतिपूर्ण, व्यवस्थित और श्रद्धामय बना दिया। जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं से सहयोग बनाए रखने की अपील की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / अंबरीश कुमार सक्सेना