अनूपपुर: सावन के अंतिम सोमवार पर जालेश्वर धाम में उमड़े श्रद्धालु, लगा 5 किमी लंबा जाम
जालेश्वर धाम में उमड़े श्रद्धालु


नर्मदा मंदिर में श्रद्धालू अपनी बारी की प्रतीक्षा में


नर्मदा मंदिर में विराजे महादेव


नर्मदा जल भरते कावडिये


कावड की पूजा करते


अनूपपुर, 4 अगस्त (हि.स.)। श्रवण मास के चौथा और अंतिम सोमवार को जिलेभर के शिवालयों में शिव की भक्ति में श्रद्धालु लीन हैं। मध्‍य प्रदेश के अमरकंटक सहित जिले भर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड पड़ी। सोमवार तड़के से ही मंदिरों के कपाट खुल गये और श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ का जलाभिषेक करएवं दुग्धाभिषेक कर पुष्प, बेलपत्र, नैवेद्य, श्रीफल, धतूरा इत्यादि अर्पित कर कर आशीर्वाद लिया। श्रवण मास के आखिरी सोमवार होने के शिव मंदिरों में दिन भर कीर्तन का दौर चलता रहा। कई मंदिरों में भंडारा का आयोजन किया गया, जहां लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। नर्मदा उद्गम अमरकंटक में भक्तों ने मॉ नर्मदा के दर्शन के लिए लम्बी लाईन शाम तक रहीं।

शिव आस्थाओं से जुड़ी अनूपपुर जिले की पवित्र नगरी अमरकंटक सहित जालेश्वर धाम में सावन माह के अंतिम सोमवारी के मौके पर हजारो शिवभक्तों ने जलाभिषेक कर महादेव का आशीर्वाद लिया। अंतिम सोमवारी होने के कारण अहले सुबह से दूर-दराज से अमरकंटक पहुंचे हजारों कांवडियों व शिवभक्तों नर्मदा नदी स्नान कर नर्मदा जल कांवड में भर जालेश्वर स्थित महादेव मंदिर में जल चढ़ाया। मान्यता है कि ‘श्रावण मास में सोमवार को नर्मदा में स्नान कर गीले वस्त्र में ही दांये हाथे से जल पात्र में नर्मदा जल लेकर पैदल जालेश्वर महादेव मंदिर जाकर फूल व बेलपत्र लेकर उनका जलाभिषेक करें तो महादेव भक्त पर प्रसन्न होते हैं, साथ ही अगर भक्त जालेश्वर के उपरांत लोढेश्वर महादेव व कोटेश्वर महादेव का भी दर्शन करें तो उससे उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है।’ वहीं अंतिम सोमवारी के मौके पर सुबह शिवपूजा के लिए अमरकंटक व जालेश्वर धाम सहित जिले के अन्य शिवालयों में शिवभक्तों ने मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना कर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। शिवालय फूल, बेलपत्र एंव धतुरा सहित दूध की जलधारा से समर्पित होता रहा और भक्तों की जयघोष में रमता रहा।

अनूपपुर जिला मुख्यालय स्थित रामजानकी मंदिर, दुर्गा माता मढिय़ा मंदिर, तिपाननदी शिवमंदिर, बस्ती मार्ग स्थित शिवमंदिर सहित अन्य मंदिरों पर भक्तों की कतार लगी रही। इनमें खासकर महिलाओं के साथ किशोरियों व युवतियों ने भी पूजन अर्चन कर ईष्टदेव से मनोकामना पूर्ण का आशीर्वाद लिया। बताया जाता है कि कोतमा में सुबह से ही शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा जल चढाने एवं भोले शंकर को मनाने की होड़ लगी रही। पूजन अर्चन के पूर्व तथा बाद शिवालय हर-हर महादेव के जयकारे से गुंजायमान होता रहा। अंतिम सोमवारी होने के कारण आज मंदिरों में श्रद्धालुओं द्वारा फूल, बेल पत्ती एवं धतुरा अर्पित कर विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई। इस दौरान नगर के धर्मशाला मंदिर, बस स्टैंड गौरी शंकर मंदिर, बस्ती शंकर मंदिर, ठाकुर बाबा धाम, लहसुई कैम्प मंदिर, गोविन्दा कॉलरी मंदिर, विकास नगर मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भक्तो की भीड उमड़ी रही। इसके अलावा भालूमाड़ा नगर के अघोरी बाबा मंदिर में भी शिवभक्तों ने शिव को जलाभिषेक कर शिवशम्भू का आशीर्वाद प्राप्त किया। जबकि पसान नगर के अमन चौक हनुमान मंदिर शिवलहरा धाम, पुरानी नगरपालिका के शिव मंदिरों में विधि विधान से जलाभिषेक कर भगवान भोले की पूजा अर्चना की गई और नगरवासियों द्वारा प्रसाद भंडारा का आयोजन किया गया।

सावन के अंतिम सोमवार में अमरकंटक में लगा जाम

अमरकंटक के जलेश्वर धाम में जल चढ़ाने की लिए जलेश्वर तिराहे पर 5 किलोमीटर लंबा जाम देखने को मिला। इस जाम में एक एंबुलेंस भी फसी देखी गई। पुलिस व्यवस्था के नाम पर 2-4 पुलिस भर्ती मौजूद रहा जिससे यह जाम की स्थिति बनी। इसका कारण एक यह भी रहा कि आज दो बड़ी कावड़ यात्रा का भी समापन जलेश्वर धाम में था।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश शुक्ला