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जयपुर, 4 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश की स्कूलों की इमारतों की बदहाल स्थिति और उनमें संसाधनों के अभाव से जुड़े मामले में केंद्र और राज्य सरकार को जवाब पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। जस्टिस महेन्द्र गोयल और जस्टिस अशोक कुमार जैन की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए गए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता सहित अन्य वकील पेश हुए। उन्होंने अदालत से मामले में जवाब पेश करने के लिए समय मांगा। इस पर अदालत ने उन्हें दो सप्ताह का समय देते हुए प्रकरण की सुनवाई 18 अगस्त को तय की है।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट की एकलपीठ ने गत 28 जुलाई को प्रदेश की सरकारी स्कूलों के जर्जर भवनों सहित उनमें संसाधनों की कमी को लेकर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। इसके साथ ही अदालत ने मामले में शिक्षा मंत्रालय, बाल विकास मंत्रालय, मुख्य सचिव, एसीएस शिक्षा, प्रमुख बाल कल्याण सचिव और राष्ट्रीय बाल आयोग को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है था। वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट की एक अन्य एकलपीठ ने स्कूल भवनों के हालातों को लेकर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया था। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने दोनों स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर जनहित याचिका के तौर पर एक साथ सुनवाई करना तय किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक