कर्नाटक उच्च न्यायालय की रोक के बाद भी कल से राज्यव्यापी हड़ताल अड़े परिवहन कर्मी
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मुख्यमंत्री के साथ वार्ता विफल होने के बाद कल से राज्यव्यापी हड़ताल पर रहेंगे परिवहनकर्मी

बेंगलुरु, 4 अगस्त (हि.स.)। कर्नाटक परिवहन कर्मचारियों की संयुक्त कार्रवाई समिति की मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के साथ वार्ता असफल होने के बाद परिवहन कर्मचारियों ने मंगलवार से राज्यव्यापी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। परिवहन निगम के कर्मचारी वेतन संशोधन सहित कई मांगों की मांग कर रहे हैं।

कर्नाटक परिवहन कर्मचारी संघ मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस आश्वासन से सहमत नहीं है कि कर्मचारियों की मांगों पर निर्णय बाद में लिया जाएगा। राज्य के परिवहन कर्मचारी 38 महीने का बकाया वेतन जारी करने, नया वेतन संशोधन 1 जनवरी 2024 से लागू करने, निजीकरण न करने के साथ ही भ्रष्टाचार और श्रमिकों का उत्पीड़न बंद करने और इलेक्ट्रिक बसों में सरकारी ड्राइवरों की नियुक्ति करने की मांग काे लेकर अड़े हैं। मुख्यमंत्री से वार्ता

असफल हाेने के बाद राज्य परिवहन कर्मचारियाें ने 5 अगस्त से पूरे राज्य में अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इस हड़ताल में राज्य के लगभग 1.15 लाख परिवहन कर्मचारी शामिल हाेंगे।

इस बीच, एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय ने परिवहन कर्मियाें की हड़ताल को एक दिन के लिए स्थगित करने का आदेश दिया है। इस संबंध में परिवहन कर्मचारियाें की संयुक्त कार्रवाई समिति के अध्यक्ष एचवी अनंतसुब्बाराव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हड़ताल के फैसले में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, क्योंकि काेर्ट के आदेश की प्रति हमारे पास उपलब्ध नहीं है।

सरकारी आपातकालीन उपाय

इन घटनाक्रमों के बीच में परिवहन विभाग ने साेमवार काे एक परिपत्र जारी कर सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। इसके अलावा हड़ताल अवधि के दौरान काम से अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने के भी आदेश दिए गए है। राज्य के चार निगमों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि यदि आवश्यक हो तो वे साप्ताहिक अवकाश भी रद्द कर दें। विभाग काे परिवहन कर्मचारियों की हड़ताल से राज्य में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से ठप होने की आशंका है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश महादेवप्पा