धर्मशाला से सटे ऐतिहासिक सराह गांव को “शौर्य ग्राम सराह” का दर्जा देने की मांग ने पकड़ा जोर
धर्मशाला से सटे ऐतिहासिक सराह गांव को “शौर्य ग्राम सराह” का दर्जा देने की मांग ने पकड़ा जोर


धर्मशाला, 04 अगस्त (हि.स.)।

स्वतंत्रता दिवस की 78वीं वर्षगांठ से पूर्व धर्मशाला से सटे ऐतिहासिक सराह गांव को “शौर्य ग्राम सराह” का दर्जा देने की मांग जोर पकड़ रही है। ग्रामीणों ने प्रशासन को प्रार्थना पत्र सौंपते हुए गांव के वीर सपूतों की गौरवगाथा का उल्लेख किया और धर्मशाला व गगल से सराह को जोड़ने वाली सड़कों पर “शौर्य ग्राम सराह” संकेतक लगाने की मांग की।

गौरतलब है कि सराह गांव ने प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध, आज़ाद हिंद फौज, भारत छोड़ो आंदोलन, पाक युद्ध, कारगिल युद्ध समेत हर मोर्चे पर देश सेवा में अपना योगदान दिया है। यहां के वीरों को सेना के शौर्य पदक तक से नवाजा गया है। 1947 के दंगों में भी गांववासियों ने मुस्लिम परिवारों को बचाकर मानवता और भाईचारे की मिसाल पेश की थी। इस गांव का इतिहास शौर्य, बलिदान और देशभक्ति से भरा हुआ है, जिसे अब औपचारिक पहचान देने की मांग जोर पकड़ रही है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया