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धर्मशाला, 04 अगस्त (हि.स.)। पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के दो धड़ों में विवाद को लेकर पंजीयक सहकारी सभाएं न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान स्वयंभू नेता आत्मा राम शर्मा और हुकम सिंह ठाकुर को तुरंत काम करने की पाबंदी लगा दी गई है। साथ ही न्यायालय ने उन्हें नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई को हाजिर होकर जवाब देने के आदेश जारी किए हैं।
पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रदेश प्रधान सुरेश ठाकुर व महासचिव भूप राम वर्मा ने सयुंक्त ब्यान जारी करते हुए बताया है कि पंजीकृत संख्या 16/89 के सन्दर्भ में मामला पंजीयक सहकारी सेवाएं के न्यायालय में दायर किया था। जिसमें 6 जुलाई 2025 को कुछ स्वयंभू पेंशनर्स के नेताओं ने सुन्दरनगर में गैर-कानूनी, असवैंधानिक व मनमाने ढंग से चुनाव करवा लिए थे, उक्त को न्यायालय में सुरेश ठाकुर और भूप राम वर्मा ने चुनौती दी थी। अब न्यायालय से उन चुनावों को रद्द करने की अपील की है और साथ में यह भी अनुरोध किया था कि जब तक केस का फैसला नहीं हो जाता है, तब तक उससे संबंधित पदाधिकारियों को पैंशनर्ज संघ की पंजीकृत संख्या 16/89 टाइटल पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के नाम से काम करने बारे रोका जाए। उपरोक्त केस में न्यायालय द्वारा स्थग्न आदेश जारी करने पर पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश के प्रदेश प्रधान सुरेश ठाकुर, महासचिव भूप राम वर्मा, वारिष्ठ उपाध्यक्ष गंगा राम शर्मा, जेएन निराला, हरमेश राणा, चेत राम वर्मा, मुख्य सगठन सचिव मदन लाल शर्मा, शिमला जिला के प्रधान भाग चंद चौहान, कोषाध्यक्ष सेठ राम, अतिरिक्त महासचिव रविंदर राणा, मुख्य सलाहकार हरी चंद गुप्ता सहित दर्जनों पदाधिकारियों ने प्रसन्नता जाहिर की है।
गौर हो कि पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन हिमाचल प्रदेश का विधिवत चुनाव आठ जुलाई 2025 को कांगड़ा में मोहन सिंह ठाकुर चुनाव प्रभारी की अध्यक्षता व तीन सदस्यों की देखरेख की में संपन्न हुआ था, जिसमें सुरेश ठाकुर को प्रदेश अध्यक्ष, भूप राम वर्मा को महासचिव व अन्य पदाधिकारियों का सर्वसमिति से तीन वर्षों के लिए चुना गया है, जिसमें करीब 1400 प्रतिनिधियों नें पूरे प्रदेश से आकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।
18 सूत्रीय मांगपत्र की मांगों को पूरा नहीं किया तो होगा आंदोलन
अध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने बताया कि संघ के एक शिष्टमंडल पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु व मुख्य सचिव हिमाचल प्रदेश सरकार से मिला है, और पेंशनरों की मांगों बारे 18 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है। अगर सरकार अगस्त महीने तक मांगों को नहीं मानती है, तो प्रदेश स्तर पर मांगों को मनवाने के लिए सितम्बर महीने के पहले सप्ताह से आंदोलन चलाया जाएगा, जिसकी रूपरेखा 20 अगस्त के बाद बनाई जाएगी।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया