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धर्मशाला, 04 अगस्त (हि.स.)। जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष हेमांशु मिश्रा, सदस्य आरती सूद व नारायण ठाकुर की अदालत ने एक मामले में अहम फैसला सुनाते हुए आर्ट एंड डिजाइन दुकानदार को उपभोक्ता को 4,500 रुपये की राशि वापिस करने के आदेश सुनाए हैं। इसके साथ ही दुकानदार द्वारा उपभोक्ता को मानसिक पीड़ा व असुविधा के तौर पर 4000 रुपए मुआवजा व वाद व्यय के तौर पर 3000 रुपए का भुगतान करने के भी निर्देश जारी किए हैं।
जानकारी के अनुसार आयोग के समक्ष आए मामले के तहत शिकायतकर्ता उपभोक्ता द्वारा बताया गया था कि 14 अगस्त 2024 को करवा चौथ के अवसर पर उन्होंने एक आर्ट एंड डिजाइन की दुकान से 1800 रुपए का हरे रंगा का सूट खरीदा था। इसके साथ ही इसकी सिलवाई के तौर पर 1500 रुपए खर्च किया, लेकिन दर्ज़ी ने बताया कि कपड़े की गुणवत्ता बहुत खराब थी और सिलाई के दौरान फट रहा था। जब उपभोक्ता ने इसकी शिकायत संबंधित दुकानदार से शिकायत की, तो उन्हें सूट बदलवाने का आश्वासन दिया गया।
हालांकि, नवंबर 2024 में दोबारा दुकान पर जाने पर दुकानदार ने न तो सूट बदला और न ही पैसे लौटाए। बल्कि उपभोक्ता को 3000 का नया सूट खरीदने को मजबूर किया गया। जिसमें 1200 रुपए अतिरिक्त भुगतान करना पड़ा। उपभोक्ता का कहना था कि इसके बाद सिलाई पर फिर 1500 खर्च किए गए, लेकिन नया सूट भी पहनने के बाद तुरंत फट गया। जब कई बार संपर्क करने के बावजूद जब दुकानदार ने कोई समाधान नहीं दिया, तो उपभोक्ता ने 30 अप्रैल 2025 को आयोग में शिकायत दर्ज कराई। मामले की सुनवाई के दौरान दूसरा पक्ष आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ। जिसके बाद आयोग द्वारा उपभोक्ता के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उपरोक्त आदेश जारी किए गए।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया