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पलामू, 4 अगस्त (हि.स.)। जिले के छतरपुर के कालापहाड़ से हुसैनाबाद के महुडंड तक बनी सड़क ने 20 हजार परिवारों की किस्मत बदल दी है। अब हर राह आसान हुई है। लंबे समय तक कच्ची सड़क से आवागमन करने वाले ग्रामीणों को अब पक्की सड़क से सफर करना आरामदायक बन गया है।
वर्ष 2016-17 में छतरपुर के कालापहाड़ में महुडंड रोड पर बारूदी सुरंग विस्फोट हुआ था। इस घटना में पुलिस के सात जवान शहीद हुए थे।
पहले जहां कच्ची पगडंडियों पर सफर करना ग्रामीणों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं था। सड़क नहीं होने के कारण कालापहाड़, महुदंड सहित दर्जनों गांव के लोग मीलों तक पैदल चलकर अपने घरों को जाते थे, लेकिन केंद्र सरकार की पहल से अब वही रास्ता पक्की सड़क में तब्दील हो चुका है। इस सड़क के ज़रिए अब न सिर्फ आवाजाही आसान हो गई है, बल्कि लोगों की ज़िंदगी भी बदलने लगी है। अब मुख्यालय जाना हो या अस्पताल अब सब आसान हो चुका है।
ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार ने सोमवार को बताया कि मुख्य सड़क से कालापहाड़ होते महुदंड तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के उग्रवाद प्रभावित स्कीम के तहत 9.5 करोड़ की लागत से बने 13.37 सड़क ने आज दर्जनों गांव को मुख्यधारा से जोड़ दिया है।
इस सड़क के बनने से इलाके के 20 हजार से अधिक परिवारों को सीधा फायदा मिला है। पक्की सड़क के ज़रिए बच्चों को स्कूल जाना आसान हुआ, वहीं किसानों को अपनी उपज बाजार तक पहुंचने में सहूलियत मिल रही है।
कालापहाड़, महुदंड का इलाका कभी उग्रवाद का गढ़ माना जाता था। सड़क न होने से सुरक्षा बलों को पहुंचने में दिक्कत होती थी। अब इस नई सड़क से पुलिस और अर्धसैनिक बलों की आवाजाही आसान हुई है। इससे सुरक्षा व्यवस्था भी पहले से बेहतर हुई है।
वहीं सरकार की अन्य योजनाओं का पहुंचना भी सुगम हो चुका है।
कल तक जो क्षेत्र विकास की मुख्यधारा से कटे हुए थे, अब वहां आशा की किरणें फूट रही हैं। कलापहाड़ से महुदंड तक की ये सड़क सिर्फ कंक्रीट की नहीं, बल्कि बदलाव की भी राह है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार