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शिवपुरी, 04 अगस्त (हि.स.)। मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में सुभाषपुरा थाना अंतर्गत 23 जुलाई को अजय तोमर हत्याकांड की परतें जब खुलीं, तो पुलिस भी हैरान रह गई। जांच में पता चला कि हत्याकांड का मास्टरमाइंड कोई और नहीं, बल्कि खुद मृतक का बड़ा भाई भानू तोमर है जो फिलहाल इंदौर पुलिस में एएसआई पद पर कार्यरत है। इस भाई ने बदले की आग में झुलसकर अपने ही भाई की हत्या करवा दी। सुपारी दी, साजिश रची, शव का अंतिम संस्कार किया, और तीन दिन बाद विदेश बैंकॉक भाग निकला।
इस हत्याकांड को लेकर सोमवार को पत्रकारों से चर्चा में एसपी अमन सिंह राठौड़ ने बताया कि इस हत्याकांड के बाद शक न जाए, इसके लिए भानू ने खुद मृतक भाई का अंतिम संस्कार करवाया और फिर तीन दिन बाद बैंकॉक भाग गया। एसपी ने बताया कि इस आरोपित की तलाश में मप्र पुलिस विदेश मंत्रालय, पासपोर्ट विभाग और इमिग्रेशन से संपर्क कर रही है। लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है।
मृतक ने की पहले पिता की हत्या, अब भाई ने भाई का अंत किया-
2017 में अजय तोमर ने ग्वालियर में अपने ही पिता, पुलिस इंस्पेक्टर हनुमान तोमर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसी वारदात में उसने भानू पर भी जानलेवा हमला किया था, लेकिन भानू बच गया। पिता की मौत के बाद भानू को पुलिस विभाग में अनुकंपा नियुक्ति मिली, लेकिन भाई के लिए उसके मन में बदले की आग सुलगती रही।
नाबालिग के जरिए जाल बुना, फिर एक लाख की सुपारी देकर मर्डर प्लान बनाया
भानू ने ग्वालियर के कुख्यात अपराधी धर्मेंद्र कुशवाह को एक लाख की सुपारी दी। धर्मेंद्र पहले भी हत्या के आरोप में जेल जा चुका है, और वहीं उसकी अजय से जान-पहचान हुई थी। धर्मेंद्र ने मोनेश तोमर की मदद से एक नाबालिग लड़की को इंदौर से बुलवाया और अजय से दोस्ती करवाई।
23 जुलाई को जब अजय अपनी कार से ग्वालियर की ओर जा रहा था, लड़की ने वॉशरूम जाने का बहाना कर गाड़ी रुकवाई। इसी बीच पीछा कर रहे भानू और धर्मेंद्र ने अजय पर पीछे से गोलियां बरसा दीं। अजय की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद शिवपुरी जिले की सुभाषपुरा थाना पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
नाबालिग गैंगरेप में सहआरोपी, अब हत्या में भी शामिल-
गिरफ्तार हुई नाबालिग लड़की पहले भी इंदौर के बालिका संप्रेक्षण गृह से फरार रह चुकी है और एक गैंगरेप केस में सहआरोपी रही है। पुलिस ने धर्मेंद्र कुशवाह, मोनेश तोमर और नाबालिग को गिरफ्तार कर लिया है। धर्मेंद्र ने कबूल किया कि हत्या में वही शूटर था। उसने हथियार और अजय की अंगूठी भी पुलिस को सौंपी।
अंतिम संस्कार कर विदेश भागा गया आरोपित-
हत्याकांड के बाद शक न जाए, इसके लिए भानू ने खुद मृतक भाई का अंतिम संस्कार करवाया और फिर तीन दिन बाद बैंकॉक भाग गया। अब पुलिस उसकी तलाश में विदेश मंत्रालय, पासपोर्ट विभाग और इमिग्रेशन से संपर्क कर रही है। लुकआउट नोटिस जारी हो चुका है। अब एसपी अमन सिंह राठौड़ के निर्देशन में गठित पुलिस टीम ने इस हाईप्रोफाइल और पारिवारिक प्रतिशोध की साजिश को उजागर कर दिया है। अब अगला मिशन हत्यारे को विदेश से भारत लाना है।
हनुमान छुट्टी में आए, तब अजय ने चार गोलियां मारी थीं-
अजय तोमर और भानू तोमर के पिता हनुमान सिंह तोमर मंडला में पदस्थ थे। हनुमान छुट्टी में घर आए थे, तब अजय ने उनके सिर में चार गोलियां मारी थीं। हनुमान सिंह की पत्नी शकुंतला देवी तोमर ने 24 मई 2017 को अपने छोटे बेटे भानू प्रताप के साथ जाकर महाराजपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। हत्या के पीछे उन्होंने संपत्ति का विवाद होना बताया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा