इंदौर : शासकीय कार्यालयों में हेलमेट पहनकर आने लगे अधिकारी-कर्मचारी
इंदौरः शासकीय कार्यालयों में हेलमेट पहनकर आने लगे अधिकारी-कर्मचारी


- हेलमेट पहनकर आने वाले कर्मचारियों और अन्य वाहन चालकों का गुलाब की कलियों के साथ किया गया स्वागत

इंदौर, 4 अगस्त (हि.स.)। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी आशीष सिंह द्वारा नो हेलमेट - नो पेट्रोल के संबंध में जारी प्रतिबंधात्मक आदेश जिले में प्रभावी रूप से संचालित किया जा रहा है। इस आदेश का उद्देश्य सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू कर आमजन में ट्रैफिक अनुशासन को बढ़ावा देना है। इंदौर जिले में जीवन की सुरक्षा को देखते हुए हेलमेट की अनिवार्यता के संबंध में सकारात्मक वातावरण बनने लगा है। अनेक संस्थान हेलमेट की जागरूकता हेतु तेजी से आगे आ रहे है। हेलमेट पहनने वालों को वे अपने-अपने स्तर से प्रोत्साहित भी कर रहे है। जिले में समस्त कार्यालयों में दो पहिया से आने वाले अधिकारी-कर्मचारी भी हेलमेट पहनकर आने लगे हैं।

इसी सिलसिले में सोमवार को सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन के संबंध में इंदौर विकास प्राधिकरण की अनूठी पहल की गई। हेलमेट पहनकर आने वाले कर्मचारियों और अन्य वाहन चालकों का इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा गुलाब की कलियों के साथ स्वागत किया गया।

कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर जिले के समस्त कार्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया है कि हेलमेट लगाने के संबंध में जारी निर्देशों और प्रावधानों का अनिवार्य रूप से पालन सुनिश्चित किया जाये। सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारी इसका पालन अनिवार्य रूप से करें। इस संबंध में यह सुनिश्चित किया जाये कि कार्यालय में दो पहिया वाहनों से आने वाले सभी अधिकारी/कर्मचारी हेलमेट पहन कर ही आयें।

बताया गया है कि समय-समय पर केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा भी हेलमेट पहनने के संबंध में निर्देश दिये गये हैं। साथ ही मध्य प्रदेश मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा-129 में स्पष्ट प्रावधान है कि प्रत्येक दो पहिया वाहन सवारी तथा वाहन चालक अनिवार्य रूप से आईएसआई मार्क हेलमेट (सुरक्षात्मक टोप) पहनेंगे। बिना हेलमेट धारण किये चलने वाले दो पहिया वाहन चालकों की सड़क में दुर्घटना एवं असामयिक मृत्यु होने का खतरा बना रहता है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर