मजबूरों का खून बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश, चार आरोपित गिरफ्तार
मामले का खुलासा करते एसपी सिटी व गिरफ्त में आरोपी


बरेली, 4 अगस्त (हि.स.) । लाेग कहते हैं कि मजबूरी की कीमत खून से चुकानी पड़ती है, लेकिन जब कोई दलाल उसी मजबूरी को कारोबार बना ले, तो सवाल उठना लाज़मी है। शहर में ऐसा ही एक खौफनाक मामला सामने आया है, जहां कुछ लोगों ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया।

कोतवाली पुलिस ने आईएमए ब्लड बैंक के बाहर खून की कालाबाजारी करने वाले ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो नशे के शिकार, गरीब और लाचार लोगों से मामूली पैसे देकर खून डोनेट करवाता था और फिर उसी खून को ब्लड बैंक में ऊंचे दामों पर बेच देता था।

ब्लड बैंक के बाहर रंगे हाथों पकड़े गए आरोपी

एसपी सिटी मानुष पारीक ने सोमवार को मामले का खुलासा करते हुए बताया कि चारों आरोपियों को आईएमए ब्लड बैंक के बाहर से गिरफ्तार किया गया है। ये लोग मजबूर लोगों को 1000 से 2000 रुपये का लालच देकर ब्लड डोनेट करवाते थे और बाद में रिश्तेदार बताकर ब्लड बैंक में उसका सौदा करते थे।

गिरफ्तार आरोपियों में शामिल हैं:

• प्रेमनाथ (50), निवासी पुराना ताड़ीखाना, आजमनगर

• धीरेंद्र शर्मा (32), निवासी इंदिरा नगर, प्रेमनगर

• अभय (19), निवासी अभयपुर लाल फाटक, कैंट

• विनीत (25), निवासी कैंट

रेलवे स्टेशन, मजदूर चौक और फुटपाथ से मिलते थे “डोनर”

जांच में खुलासा हुआ है कि गिरोह के मास्टरमाइंड प्रेमनाथ और धीरेन्द्र शर्मा शहर के मजदूर चौक, रेलवे स्टेशन और फुटपाथों पर घूमते थे। जहां कोई नशेड़ी या मजबूर व्यक्ति दिखता, उसे अपना रिश्तेदार बताकर आईएमए ब्लड बैंक ले जाते।

वहां अभय और विनीत पहले से “सेटिंग” के साथ मौजूद रहते। चारों मिलकर उसका खून निकलवाते और ब्लड को ऊंचे दामों में बेच देते।

हर दिन चलता था यह खून का गोरखधंधा

पुलिस के मुताबिक यह धंधा रोजाना चलता था। एक डोनर से सस्ते में खून लेकर रिश्तेदार बताकर ब्लड बैंक में जमा किया जाता और फिर जरूरतमंदों से हजारों रुपये वसूले जाते।

अब पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं इस गोरखधंधे में ब्लड बैंक प्रबंधन की भी मिलीभगत तो नहीं है।

केस दर्ज, पूछताछ जारी

कोतवाली पुलिस की मुस्तैदी से यह गिरोह अब सलाखों के पीछे है। सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और पूछताछ जारी है। जल्द ही इस नेटवर्क में और भी खुलासे हो सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार