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रुद्रप्रयाग, 4 अगस्त (हि.स.)। देश की आजादी के बाद वर्ष 1958 में अस्तित्व में आई ग्राम पंचायत मुसोली के 67 वर्ष के इतिहास में इस वर्ष पंचायत चुनाव में यहां पहली बार ग्राम प्रधान महिला चुनी गई हैं।
इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में यहां ग्राम प्रधान पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हुआ था, जिसमें मुसोली गांव की शशि देवी ग्राम प्रधान चुनी गईं। उन्होंने जगोठ गांव की शांति देवी को 16 मतों से पराजित कर पहली महिला ग्राम प्रधान होने का गौरव प्राप्त किया। उन्होंने सहभागिता के साथ ग्राम पंचायत के विकास का संकल्प लिया है। कहा कि मातृशक्ति को आगे बढ़ाने के लिए वह हरसंभव प्रयास करेंगी। जनपद रुद्रप्रयाग की सीमा से लगे पौड़ी जनपद के चलणस्यूं पट्टी के ग्राम पंचायत मुसोली में इस वर्ष हुये त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में नई शुरूआत हुई है। ग्राम पंचायत में पहली बार महिला ग्राम प्रधान चुनी गई हैं। ग्राम पंचायत के 67 वर्ष के इतिहास में अभी तक पुरूष वर्ग ही ग्राम प्रधान पद पर निर्वाचित होते आ रहे थे। यहां तक कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के बाद भी 2003 से 2019 तक हुये त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में यहां पुरूष ही ग्राम प्रधान चुने गये। मुसोली, कोटिया, सिलाखेतु और जखोटखाल गांव को मिलाकर बनी ग्राम पंचायत मुसोली में महिला का ग्राम प्रधान निर्वाचित होने से मातृशक्ति सहित अन्य ग्रामीणों में खुशी की लहर है।
इस बार त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ग्राम पंचायत मुसोली में ग्राम प्रधान पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हुआ। ग्राम प्रधान पद के लिए मुसोली की शशि देवी और जगोठ गांव की शांति देवी ने नामांकन किया। चुनाव में शांति देवी को 80 वोट मिले और शशि देवी 96 मतों के साथ 16 वोट से चुनाव जीतकर ग्राम पंचायत की पहली महिला ग्राम प्रधान निर्वाचित हुईं। ग्राम पंचायत के इतिहास में पहली ग्राम प्रधान निर्वाचित होने से महिलाओं में खुशी की लहर है।
स्थानीय निवासी सुमित्रा देवी,प्रीति देवी, उर्मिला देवी, उमा देवी, किरन देवी, शांति देवी,रोशनी देवी, यशोदा देवी,बबली देवी, हिमानी रौथाण, शारदा देवी, पुष्पा देवी, सुरेशी देवी का ककहना है कि ग्राम पंचायत में 1958 से 2019 तक सामान्य और आरक्षित वर्ग को प्रतिनिधित्व का समय-समय पर मौका मिला है। यह, पहली बार है, जब ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान महिला बनी है, जो गौरव की बात है। कहा कि उत्तराखंड राज्य बनने के बाद ग्राम पंचायतों में महिलाओं की 50 फीसदी भागीदारी से उन्हें आगे बढऩे का मौका मिल रहा है। अब, उनकी ग्राम पंचायत में भी उन्हें चुनाव लडऩे का मौका मिलेगा।
इधर, निर्वाचित ग्राम प्रधान शशि देवी का कहना है कि उन्हें जो जिम्मेदारी ग्रामीणों ने सौंपी है, उसे वह पूरी निष्ठा के साथ निभायेंगी। कहा, सहभागिता, सहयोग और समर्पण से कार्य किया जाएगा। ग्राम पंचायत के हर जरूरतमंद को सरकारी योजनाओं से जोडऩे के लिए प्रयास होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति