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कांकेर, 4 अगस्त (हि.स.)। जिले में पहली बार तीन तलाक का मामला सामने आने के बाद युवती के परिजनों और मुस्लिम समाज कांकेर ने इसकी शिकायत कांकेर कोतवाली में दर्ज करवाकर मुस्लिम समाज की महिलाओं को इंसाफ के लिए पारित कानून पर एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की गई है। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 में कांकेर नगर के जवाहर वार्ड की रहने वाली एक महिला का गरियाबंद के युवक के साथ मुस्लिम रीति रिवाज से विवाह हुआ था, लेकिन विवाह के 9 वर्ष बाद अचानक गरियाबंद के रहने वाले व्यक्ति ने मोबाइल फोन से तलाक लेने के लिए तीन बार तलाश शब्द कहा और दूसरे महिला से शादी कर ली। तीन तलाक पर कानून बने पांच साल हो गए हैं, लेकिन आज भी कुछ लोग दकियानुसी तीन तलाक को ही मान रहे हैं। कांकेर एसडीओपी मोहाशिन खान ने पूरे मामले को लेकर कहा कि पीड़ित महिला, परिजन और मुस्लिम समाज ने तीन तलाक मामले में शिकायत किया है। पूरे मामले को लेकर जांच जारी है, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किया जाएगा।
पीड़ित महिला के भाई गफ्फार मेमन ने बताया कि 9 मार्च 2017 को इरफान वारसी जिला-गरियाबंद में व्यक्ति के साथ मुस्लिम रीति-रिवाज एवं परम्परा के अनुसार विवाह हुआ था, लेकिन ससुराल में उसके पति एवं सास व नंनदों द्वारा लगातार प्रताडित किये जाने के कारण मेरी बहन मायके में आकर निवास कर रही थी। मेरी बहन ने बताया कि उसका पति ने दूसरा विवाह कर लिया है, मेरी बहन को दमांद ने फोन करके कहा कि अब मैंने दूसरा विवाह कर लिया है, इस कारण मैं तुम्हें तलाक देता हूं, कहकर तीन बार तलाक तलाक-तलाक (ट्रिपल तलाक) दिया है। तीन तलाक की मोबाईल रिकार्डिंग भी बहन ने सुनाया है।
कांकेर के मुस्लिम समाज ने थाने में आवेदन देते हुए बताया कि तीन तलाक का मामला जो बहुत ही निन्दनीय है, व हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवायी में एक विशेष कानून बनाया गया है, जो मुस्लिम समाज की महिलाओं को इंसाफ मिलने की नियत से वर्ष 2019 में एक विशेष अधिनियम कानून बनाया है। जिसके तहत तीन तलाक दिया जाना संगीन अपराध की श्रेणी में होगा तथा इस्लामिक कानून में भी इसे अपराध माना जाता है। कांकेर में तीन तलाक (ट्रिपल तलाक) का यह पहला आपराधिक मामला है ,और इसकी भविष्य में पुनरावृत्ति ना हो इस कारण ट्रिपल तलाक देने वाले के खिलाफ कार्यवाही किया जाए।
हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे