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नई दिल्ली, 4 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा में दिल्ली विद्यालय शिक्षा (शुल्क निर्धारण एवं विनियमन में पारदर्शिता) विधेयक, 2025 पेश किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में राजधानी के उन पुराने और जटिल मुद्दों को सुलझाने में जुटी है, जिन्हें दशकों तक अनदेखा किया गया। निजी स्कूलों की लगातार फीस बढ़ोतरी से छात्रों के अभिभावक वर्षों से परेशान हो रहे हैं और अब इस लंबे अन्याय पर लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने ठोस और निर्णायक कदम उठाया है।
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भारतीय जनता पार्टी की स्पष्ट विचारधारा रही है कि शिक्षा कुछ लोगों का विशेषाधिकार न बने, बल्कि हर बच्चे का अधिकार हो। आज उसी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए भाजपा की सरकार शिक्षा को सुलभ, समान और गुणवत्ता-युक्त बना रही है। शिक्षा मंत्री ने पिछली सरकारों पर तंज करते हुए कहा कि छात्रों के अभिभावक वर्षों तक स्कूलों से लड़ते रहे, कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटते रहे, लेकिन पिछली सरकारें चुप रही।
इसके अलावा मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने आज सदन पटल पर वर्ष 2023-24 के दिल्ली सरकार के वित्तीय लेखे एवं विनियोग लेखे, 31 मार्च 2024 को समाप्त वर्ष के लिए दिल्ली सरकार से संबंधित 'वर्ष 2023-24 के राज्य वित्त' पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। वर्ष 2023-24 के दौरान कुल अनुदान और विनियोग 81,918.23 रुपये करोड़ के प्रति 15,327.36 करोड़ रुपये (18.71 प्रतिशत) की कुल बचत हुई। कुल बचत का 8,376.40 करोड़ रुपये (54.65 प्रतिशत) अभ्यर्पित करने में देरी के कारण 31 मार्च 2024 को व्यपगत हो गया।
इससे पहले ऊर्जा मंत्री आशीष सूद ने सदन पटल पर दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस के लिए नियम एवं शर्ते) विनियम, 2024 के संबंध में अधिसूचना, दिल्ली विद्युत विनियामक आयोग (डीईआरसी) का वर्ष 2023-24 लिए वार्षिक लेखा प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव