पूर्व सांसद विश्वनाथ दास काे अर्पित किया श्रद्धासुमन
पूर्व सांसद विश्वनाथ दास काे अर्पित किया श्रद्धासुमन


अयोध्या, 4 अगस्त (हि.स.)। सुप्रसिद्ध पीठ जगतगुरु स्वामी रामानंदजी का मंदिर दर्शन भवन जानकीघाट, अयोध्याधाम के पूर्वाचार्य महंत एवं पूर्व सांसद ब्रह्मचारी विश्वनाथ दास शास्त्री महाराज काे संताें ने नमन किया। अवसर श्रावण शुक्ल दशमी तिथि पर उनके 10वें पुण्यतिथि महाेत्सव का रहा। जाे मठ में निष्ठापूर्वक मनाई गई। संताें ने उन्हें श्रद्धा से याद किया। पुण्यतिथि महाेत्सव पर मंदिर में दाे दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रामनगरी के विशिष्ट संताें ने मठ में स्थापति पूर्व सांसद विश्वनाथ दास शास्त्री महाराज के विग्रह पर साेमवार काे श्रद्धासुमन अर्पित किया और भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

संताें ने पूर्व सांसद के कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश भी डाला। पुण्यतिथि पर काफी संख्या में साधु-संत व मंदिर से जु़ड़े शिष्य-अनुयायी, परिकराें ने प्रसाद ग्रहण किया। जगतगुरु स्वामी रामानंदजी का मंदिर दर्शन भवन की वर्तमान पीठाधिपति महंत डॉ. ममता शास्त्री द्वारा पधारे हुए साधु-संत और विशिष्टजनाें का स्वागत-सत्कार किया गया। इस अवसर पर दर्शन भवन पीठाधीश्वर महंत डॉ. ममता शास्त्री ने कहा कि आश्रम में गुरुदेव पूर्व सांसद व महंत ब्रह्मचारी विश्वनाथ दास शास्त्री महाराज की पुण्यतिथि श्रद्धापूर्वक मनाई गई। यह गुरुदेव की 10वीं पुण्यतिथि रही। पुण्यतिथि महाेत्सव पर दाे दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हुआ। प्रथम दिन रविवार को भक्ताें द्वारा सामूहिक रूप से मंदिर में स्थापति नर्वदेश्वर भगवान शंकर का अभिषेक-पूजन किया गया। उसके बाद अपरान्ह सुंदरकांड का पाठ हुआ। फिर पाठ के समापन उपरांत सायंकाल मठ के मुख्य द्वार पर भंडारा प्रसाद वितरित किया गया।

महाेत्सव के अंतिम दिन साेमवार काे सुबह मंदिर में स्थापति सदगुरुदेव भगवान के विग्रह का अभिषेक, विशेष पूजन एवं आरती हुआ। तदुपरांत अयाेध्याधाम के प्रतिष्ठित संताें द्वारा जेवनार गायन किया गया। उसके बाद संताें ने पुण्यतिथि महाेत्सव पर प्रसाद पाया।

डॉ. ममता शास्त्री ने कहा कि गुरुदेव अप्रतिम प्रतिभा के धनी संत थे। वह संत और गाै सेवी रहे। उनका व्यक्तित्व बड़ा ही उदार था। सरलता ताे उनमें देखते ही झलकती थी। उन्होंने सेवा काे ही अपना धर्म माना और उसी काे अंगीकार किया। उनके अंदर संतत्व के सारे गुण थे। रामनगरी के सभी संत-महंत महंत उनका आदरपूर्वक सम्मान करते रहे। गुरुदेव हम सबके बीच में नही हैं। लेकिन उनकी यश-कीर्ति सदैव हम लोगों के साथ रहेगी। उनके रिक्त स्थान की पूर्ति कभी नही की जा सकती है। मठ में गाै, संत, विद्यार्थी, अतिथि सेवा सुचार रूप से चल रही है। सभी उत्सव, समैया, त्याेहार आदि परंपरागत रूप से मनाया जा रहा है। इस माैके पर अयोध्या विधायक के सुपुत्र अमल गुप्ता, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अशाेक मिश्रा, विजय राज उर्फ चुलबुल, बालकृष्ण वैश्य समेत अन्य विशिष्टजन एवं मंदिर से जु़ड़े शिष्य-अनुयायी, परिकर माैजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय