बाढ़ का पानी उतरा, लेकिन मुसीबत बनी कीचड़
फोटो - गांव में घूमते जहरीले जन्तु


गांव में कीचड़ युक्त गालिया


बीमारी और जहरीले जीवों से ग्रामीण परेशान, फसल नुकसान का हो रहा आंकलन

औरैया, 04 अगस्त (हि. स.)। पंचनद धाम क्षेत्र, इटावा - जालौन - औरैया में यमुना, चंबल, सिंध, पहूज और कुंवारी नदियों का संगम होता है। हाल ही में क्षेत्र भीषण बाढ़ की चपेट में रहा। अब जब बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है, लोगों को एक राहत तो जरूर मिली है, लेकिन इसके बाद जो समस्याएं खड़ी हुई हैं, वे कम चिंताजनक नहीं हैं। जलस्तर में गिरावट के साथ ही नदी तटवर्ती गांवों में कीचड़, गंदगी, बीमारियों और जहरीले जीवों का संकट खड़ा हो गया है।

बाढ़ के दौरान पंचनद क्षेत्र के सैकड़ों गांव जलमग्न हो गए थे। चंबल और सिंध की धाराओं ने कई इलाकों में घरों तक पानी पहुंचा दिया था। प्रशासन ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया और राहत शिविर, भोजन पैकेट, पानी तथा दवाइयों की व्यवस्था की गई। जिला प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी मौके पर डटे रहे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया गया था।

अब जबकि पानी उतर गया है, गांवों में कीचड़ और सड़ांध से जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। खासकर खेतों और रास्तों में जमी गाद और गंदगी के कारण संक्रमण और संक्रामक बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। कई गांवों में जहरीले कीड़े और सर्प भी देखे गए हैं, जिससे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है।

हिंदुस्थान समाचार से लोगों का कहना है कि बाढ़ तो बीत गई, लेकिन उसके बाद की स्थितियों से निपटना और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है। सबसे अधिक नुकसान किसानों को हुआ है। चंबल किनारे बसे गांवों में बाजरे, उड़द और तिल की फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। हजारों बीघा जमीन में पानी भर जाने से बुवाई का समय भी निकल गया है, जिससे आने वाले महीनों में आर्थिक तंगी की आशंका जताई जा रही है।

प्रशासन की ओर से अब फसल नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। अधिकारियों ने सर्वे की प्रक्रिया तेज कर दी है ताकि प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जा सके।

वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग को भी सक्रिय किया गया है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे बाढ़ग्रस्त गांवों में टीम भेजें, दवाइयों का छिड़काव कराएं और संक्रामक रोगों की रोकथाम के लिए आवश्यक उपाय सुनिश्चित करें। साथ ही ग्रामीण इलाकों में सफाई अभियान चलाने के लिए मनरेगा के तहत ग्राम प्रधानों को दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

जनता की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द पीड़ितों को स्थाई राहत के लिए कदम उठाए ताकि वे फिर से सामान्य जीवन की ओर लौट सकें। ग्रामीणों ने सरकार से यह भी अपील की है कि फसल मुआबजा जल्द दिया जाए और स्वास्थ्य सेवाओं को गांवों तक पहुंचाया जाए ताकि बाढ़ के बाद की त्रासदी से निपटा जा सके। ग्राम पंचायत अधिकारी अरमान खान ने बताया कि गांव साफ सफाई का कार्य शुरू करा दिया गया है ।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार