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- प्रधानमंत्री को पंजाब में बाढ़ की गंभीर स्थिति से कराया अवगत, मुआवजे के नियमों में संशोधन की मांग
चंडीगढ़, 31 अगस्त (हि.स.)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर बकाया पड़े 60 हजार करोड़ रुपये के फंड तुरंत जारी करने की मांग करते हुए से हस्तक्षेप की अपील की है। उन्होंने पंजाब में बाढ़ की गंभीर स्थिति से अवगत करवाया और कहा कि इस प्राकृतिक आपदा से लगभग एक हजार गांव और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्य मंत्री ने कहा कि भारी वर्षा और बांधों से छोड़े गए पानी के चलते गुरदासपुर, कपूरथला, अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का और होशियारपुर जिलों में हालात गंभीर हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थिति बिगड़ती जा रही है और आने वाले दिनों में हालात बिगड़ सकते हैं। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अब तक लगभग तीन लाख एकड़ कृषि भूमि, धान की फ़सलें पानी में डूब चुकी हैं। फसल कटाई से पहले ही भारी नुक़सान हो गया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पशुओं की हानि से डेयरी फ़ार्मिंग और पशुपालन पर निर्भर ग्रामीण परिवार भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। मुख्य मंत्री ने कहा कि जीएसटी लागू होने और वैट शासन से बदलाव के कारण पंजाब को 49,727 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान हुआ, पर भारत सरकार ने कोई मुआवजा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि गत कुछ वर्षों में ग्रामीण विकास फंड (आरडीएफ) और मार्केट डेवलपमेंट फंड (एमडीएफ ) में कमी 8,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि हाल ही में प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना के अंतर्गत 828 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट भी रद्द कर दिए गए, जिससे ग्रामीण संपर्क सडक़ों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।
मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि पंजाब बाढ़ संकट के चलते नाज़ुक परिस्थितियों का सामना कर रहा है, इसलिए प्रधानमंत्री को राज्य का बकाया 60 हजार करोड़ रुपये जारी करने में हस्तक्षेप करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि स्टेट डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फ़ंड (एसडीआरएफ ) में पर्याप्त फंड हैं, परंतु गृह मंत्रालय के वर्तमान मानदंड किसानों, पशुपालकों व अन्य प्रभावित वर्गों को पर्याप्त मुआवज़ा देने में नाकाफ़ी हैं। इन मानकों के तहत वास्तविक नुक़सान की तुलना में मुआवज़ा बहुत कम मिलता है। मान ने प्रधानमंत्री से अपील की कि फसलें कटाई के मुहाने पर थी, इसलिए मुआवजा कम से कम 50 हजार रुपये प्रति एकड़ तक बढ़ाया जाए। साथ ही, एसडीआरएफ मुआवज़ा मानदंडों को ज़मीनी वास्तविकताओं के आधार पर संशोधित किया जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा