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शिमला, 31 अगस्त (हि.स.)। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मणिमहेश यात्रा के दौरान प्राकृतिक आपदा से प्रभावित श्रद्धालुओं की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हजारों श्रद्धालु कठिन हालात में फंसे रहे लेकिन सरकार की तरफ से समय रहते कोई प्रभावी कदम नहीं उठाए गए।
जयराम ठाकुर ने रविवार काे कहा कि पांच दिन तक श्रद्धालु बर्फबारी और मूसलाधार बारिश के बीच फंसे रहे, लेकिन न तो प्रशासन ने स्थिति का जायजा लिया और न ही मुख्यमंत्री ने तत्काल राहत सुनिश्चित की। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री उस समय बिहार में चुनावी यात्रा में व्यस्त थे और विपक्ष के दबाव के बाद ही चंबा गए। लेकिन वहां भी उन्होंने केवल औपचारिकता निभाई और भरमौर जैसे अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र का दौरा किए बिना ही लौट आए।
ठाकुर ने कहा कि सरकार मणिमहेश यात्रा में हुई त्रासदी की सच्चाई को छुपा रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कई श्रद्धालु उनके सामने बह गए, लेकिन प्रशासन ने इन्हें नकार दिया। कई लोग पैदल ही आपदा क्षेत्र से निकलने को मजबूर हुए, जबकि प्रशासन पांच दिन तक संपर्क में नहीं आया।
उन्होंने चॉपर सेवा के नाम पर श्रद्धालुओं से 75 हजार रुपये वसूलने का भी आरोप लगाया और कहा कि आपदा को अवसर में बदलने वाले तत्वों पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसके साथ ही मंत्री द्वारा श्रद्धालुओं से कथित रूप से विवादास्पद भाषा में बात करने पर भी उन्होंने नाराज़गी जताई और पूछा कि क्या आपदा पीड़ितों से इस तरह का व्यवहार उचित है?
जयराम ठाकुर ने चंबा के स्थानीय लोगों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने “अतिथि देवो भव” की परंपरा का पालन करते हुए पीड़ितों को सम्मान और राहत दी। उन्होंने इन लोगों को देवदूत बताया और उनके सहयोग को हिमाचल की सांस्कृतिक पहचान बताया।
इससे पहले जयराम ठाकुर ने फागू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘मन की बात’ कार्यक्रम भी सुना। उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा स्वदेशी अपनाने और आपदा प्रभावितों की मदद करने के आह्वान का समर्थन किया और प्रदेशवासियों से इसी भावना के साथ सहयोग देने की अपील की।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला