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हरिद्वार, 31 अगस्त (हि.स.)। पहाड़ों पर लगातार हो रही मूसलाधार बारिश का असर मैदानी क्षेत्रों में दिखाई देने लगा है। गंगा नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर तक पहुंच गया है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं।
जानकारी के अनुसार गंगा बिशनपुर कुंडी से लेकर रायसी तक बने तटबंध के बराबर बह रही है। तेज धारा के चलते कई स्थानों पर बांध क्षतिग्रस्त की भी सूचना मिल रही है और पानी खेतों व बस्तियों में घुसने लगा है।
भोगपुर निवासी भाजपा नेता एवं जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि ऋषिपाल कश्यप ने बताया कि गंगा का पानी वन क्षेत्र से होते हुए गंगदासपुर, कलशिया और रंजीतपुर जैसे निचले गांवों तक पहुंच गया है। इससे किसानों की गन्ने की फसलें डूबकर बर्बाद हो रही हैं।
ग्रामीण साहब सिंह, प्रदीप, जोगा सिंह, कुलविंदर, विपिन कुमार, सुखबीर और रामलाल ने हालात पर चिंता जताई। उनका कहना है कि वन विभाग की ओर से जेसीबी लगाकर तटबंध के पास गड्ढा खोदा गया है, जिससे पानी और तेजी से जंगल में घुस रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो भारी तबाही हो सकती है।
इस मामले में भोगपुर वन विभाग के सेक्शन ऑफिसर अमित कुमार ने ग्रामीणों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि लकड़ी चोरी रोकने के लिए बांध से कुछ दूरी पर गड्ढा बनाया गया है। इस गड्ढे से बांध को कोई नुकसान नहीं है, क्योंकि यह तटबंध से काफी दूर स्थित है। यह आरोप गलत है।
उन्होंने बताया कि भोगपुर, तिलकपुरी, टांडा, भागमल आदि गाँवों के कुछ लोग अक्सर वन संपदा को क्षति पहुंचाते हैं और रात में लकड़ी चोरी कर ले जाते हैं। ऐसे में चोरी पर रोक लगाने के लिए रास्ते को अवरुद्ध करने के लिए गड्ढा खोदा गया है।
स्थानीय लोगों की ओर से फिलहाल प्रशासन से तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने की मांग की है।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला