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तियानजिन (चीन), 31 अगस्त (हि.स.)। चीन के तियानजिन में हो रही शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (एससीओ) समिट से इतर रविवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई।इस दौरान अपने शुरुआती संबोधन में राष्ट्रपति जिनपिंग ने दोनों देशों के बीच दोस्ती की जरूरत बताई।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक रविवार सुबह साढ़े 9 बजे (भारतीय समयानुसार) दोनों देशों के नेताओं के बीच शुरू हुई बैठक 40 मिनट चली।इस दौरान जिनपिंग ने कहा कि `चीन और भारत दुनिया की दो सबसे प्राचीन सभ्यताएं हैं। दोनों दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हैं और ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं। दोस्त बने रहना, अच्छे पड़ोसी होना, ड्रैगन-हाथी का साथ आना बहुत जरूरी है।'
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शुरुआती संबोधन में कहा, ‘पिछले वर्ष कजान में हमारी बहुत सार्थक चर्चा हुई थी। हमारे संबंधों को एक सकारात्मक दिशा मिली है। सीमा पर डिसएंगेजमेंट के बाद शांति और स्थिरता का माहौल बना है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हुई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा भी फिर से शुरू की गई है। हमारे सहयोग से दोनों देशों के 2.8 बिलियन लोगों के हित जुड़े हुए हैं। इससे पूरी मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर हम अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। चीन का एससीओ की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई देता हूं।’
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव पाश