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वाराणसी,31 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में रविवार को शारदा भवन अगस्तकुंडा में चल रहे 97वें श्री गणेशोत्सव समापन हो गया। दरबार में सुबह की बेला में शास्त्रीय संगीत सभा का आयोजन किया गया। अपरान्ह बाद पंडाल से शोभायात्रा और विसर्जन यात्रा शुरू हुई। विसर्जन यात्रा भगवान गणेश की आराधना में समर्पित रहा। सुबह की बेला में जाने-माने शास्त्रीय गायक पंडित देवाशीष डे ने अपनी प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने राग 'भूपाल तोड़ी' में विलंबित एकताल और द्रुत तीनताल में रचनाएं प्रस्तुत कीं। साथ में तबले पर पंडित किशोर मिश्र,हारमोनियम पर हर्षित उपाध्याय तथा तानपुरा पर डॉ. शुभंकर डे ने संगत किया। कार्यक्रम का समापन देवाशीष के राग भैरवी में तुलसीदास के प्रसिद्ध भजन 'गाइये गणपति जग बन्दन' के गायन से किया गया।
—पंडाल से शोभायात्रा और विसर्जन
रविवार शाम 04 बजे भगवान गणेश की शोभायात्रा शारदा भवन से प्रारंभ हुई। यात्रा बालमुकुंद चौक,गणेश महाल, जंगमबाड़ी,गोदौलिया,बांसफाटक, नीची ब्रह्मपुरी और साक्षी विनायक गणेश ज़ी होते हुए शारदा भवन पहुँची। यहाँ पर एक बड़े पात्र में संकलित गंगा जल में प्रतिमा का विसर्जन किया गया। पूरे रास्ते श्रद्धालु गणपति बप्पा की पालकी की पूजा और पुष्पवर्षा करते देखे गए शोभायात्रा में 'गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया,ऊर्ज्या वर्षी लौकरिया' जैसे पारंपरिक जयघोष गूंजते रहे। शोभायात्रा के पश्चात भवन के सभा कक्ष में यादव राव पाठक ने प्रसाद वितरण और आभार प्रदर्शन के साथ 97वें श्री गणेशोत्सव को विराम दिया। कार्यक्रम में शारदा भवन परिवार के डा.विनोद राव पाठक,स्मिता वी.पाठक,कपिल पाठक,स्वप्निल पाठक,वरद पाठक व क्षेत्रीय पार्षद विजय द्विवेदी आदि की भी मौजूदगी रही।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी