रावल में घंटे-घड़ियाल की गूंज के साथ जन्मी राधा, छाया आनन्द, गुरुशरणानंद ने किया साष्टांग प्रणाम
रावल में घंटे-घड़ियाल की गूंज के साथ जन्मी राधा, छाया आनन्द, गुरुशरणानंद ने किया साष्टांग प्रणाम
गोस्वामी श्रीराधारानी जी का 101 किलो दूध मिश्रित पंचामृत से विग्रह का अभिषेक करते हुए


मथुरा, 31 अगस्त(हि.स.)। महावन राधा रानी मंदिर रावल में रविवार सुबह द्वापर युग जैसा माहौल दिखा। भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय राधा रानी की प्राकट्य स्थली रावल में प्राकट्य उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया गया। दूर-दराज से आए श्रद्धालु नाचते-गाते हुए भजन कीर्तन में मस्त दिखे। हर कोई राधा रानी के प्राकट्य के दर्शन करने के लिए लालायित दिखा। भाद्रपद की अष्टमी तिथि को वृषभानु व कीर्ति की लाडली बेटी राधा रानी का प्राकट्य हुआ था।

रविवार सुबह चार बजे राधा रानी का प्राकट्य होते ही मंदिर परिसर घंटे घड़ियाल व शंख ध्वनि से गूंज उठा। चारों ओर राधा रानी के जयकारों से पूरा मन्दिर गूंज उठा। भोर में मन्दिर के सेवायत पुजारी राहुल कल्ला द्वारा सुबह 4.30 बजे मंगला आरती की गई। साढ़े पांच बजे मन्दिर के सेवायत महन्त राहुल कल्ला व अन्य संतों द्वारा 101 किलो दूध मिश्रित घी, शहद, बूरा, यमुना जल, रस, गंगाजल व पंचामृत से राधा रानी के विग्रह का अभिषेक किया गया। इसके बाद श्री राधारानी का पीतांबरी बस्त्र धारण करा श्रृंगार किया गया। श्रृंगार दर्शन से पूरा मन्दिर प्रांगण राधा रानी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। रमणरेती आश्रम महावन से आए पीठाधीश्वर कार्ष्णि गुरुशरणानंद महाराज जी द्वारा राधारानी की आरती कर उन्हें साष्टांग प्रणाम किया गया। पूरे ब्रज में श्रद्धालु राधा रानी के प्राकट्योत्सव की भक्ति और उल्लास में डूबे रहे। देश के विभिन्न प्रांतों व रावल के आसपास के गांव से श्रद्धालु बधाई गायन करते हुए आनंद में नृत्य गायन करने लगे। बधाई महोत्सव के साथ ही हल्दी चंदन का मिश्रण उड़ेला गया। इसे भक्तों ने माथे पर लगाकर खुद को धन्य किया।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार