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- जल संसाधन मंत्री ने शहरी और ग्रामीण नागरिकों के साथ सुना प्रधानमंत्री मोदी का मन की बात कार्यक्रम
इंदौर, 31 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' के 125वें प्रसारण में संबोधित किया। मन की बात के इस अंक को जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कनाड़िया स्थित अहिल्या बावड़ी में आयोजित कार्यक्रम में ग्रामीणों सहित शहरी नागरिकों के साथ सुना। इस दौरान मंत्री सिलावट ने कहा कि वर्ष 2014 से प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात का सिलसिला प्रारम्भ किया, जो आज भी लगातार चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इस तरह के राष्ट्र से संवाद में नई सोच, नए विषय, नई घटनाओं, नई कलाओं व कई तरह की नई-नई चीजों का उल्लेख करते हैं। यह देश और नागरिकों के मन में नए चिंतन व विचारों की अपार संभावनाओं को जाग्रत करता है।
उन्होंने कहा कि 2014 में शुरू हुई यह पहल स्वच्छता, पर्यावरण और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर जनभागीदारी को प्रेरित करती रही है। जल संसाधन मंत्री सिलावट ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को सुविधाओं के साथ ही अवसर प्रदान करने के लिए आभार माना। साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों को बधाई भी दी। मन की बात में प्रधानमंत्री मोदी ने मध्य प्रदेश की खेल उपलब्धियों का जिक्र किया। साथ ही उन्होंने शहडोल में फुटबॉल के क्रेज और उसके प्रति जर्मनी के कोच की रुचि लेने तथा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का उल्लेख किया।
मन की बात कार्यक्रम के 125वें संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा बाढ़ और बारिश से हुई इस तबाही के बीच, जम्मू-कश्मीर ने दो बेहद खास उपलब्धियां भी हासिल की हैं। पुलवामा के एक स्टेडियम में रिकॉर्ड संख्या में लोग इकट्ठा हुए। पुलवामा का पहला डे-नाइट क्रिकेट मैच यहीं खेला गया। पहले ये नामुमकिन था, लेकिन अब मेरा देश बदल रहा है। ये मैच 'रॉयल प्रीमियर लीग' का हिस्सा है, जिसमें जम्मू-कश्मीर की अलग-अलग टीमें हिस्सा ले रही हैं।
'प्राकृतिक आपदाएं देश की परीक्षा ले रही हैं'
मन की बात कार्यक्रम के 125वें संस्करण में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस मानसून के मौसम में, प्राकृतिक आपदाएं देश की परीक्षा ले रही हैं। पिछले कुछ हफ़्तों में हमने बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही देखी है। घर तबाह हो गए, खेत जलमग्न हो गए। पानी के लगातार बढ़ते दबाव ने पुल-सड़कें बहा दीं और लोगों की जान खतरे में पड़ गई। इन घटनाओं ने हर भारतीय को दुखी किया है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनका दर्द हम सबका दर्द है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर