बादलों की गडगडाहट, तेज बारिश के बीच प्रकटी कीरत सुता श्रीराधा
बादलों की गडगडाहट, तेज बारिश के बीच प्रकटी कीरत सुता श्रीराधा
गोस्वामी श्रीराधाजी का महाभिषेक करते हुए


श्रीराधा जन्मोत्सव में देखने को मिला भक्ति और उल्लास का अद्भुत संगम

मथुरा, 31 अगस्त (हि.स.)। भाद्रपद शुक्ल अष्टमी के पावन अवसर पर रविवार भोर में बरसाना धाम राधारानी के जन्मोत्सव का अलौकिक दृश्य का साक्षी बना। बादलों की गड़गड़ाहट, तेज बारिश और घंटे घड़ियाल की गूंज में राधारानी ने जन्म लिया। कमल पुष्प से वृषभानु दुलारी कीरत सुता श्रीराधा प्रकट हुई। देशभर से लाखों की संख्या में भक्त किशोरी जी के जन्मोत्सव में भाग लेने पहुंचे। राधारानी के जन्मोत्सव की शुरूआत के साथ ही आसमान में बादल उमड़ आए और वर्षा की फुहारें शुरू हो गयीं। इस अलौकिक दृश्य ने बरसाना मंदिर में मौजूद हर श्रद्धालु को भावविभोर कर दिया। इस दौरान भक्त पुष्पवर्षा करते रहे और ’राधे-राधे’ के जयकारों से पूरा वातावरण गूंजता रहा। कल देर रात से ही राधे-राधे के जयकारों से बरसाना गूंज रहा था। बारिश में भी भक्तों में आस्था देखने को मिली। बरसाना धाम में राधारानी के जन्म के समय अचानक मौसम बदल गया। बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बारिश शुरू हो गई। इसी दौरान घंटे घड़ियाल की ध्वनि से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। कमल पुष्प से वृषभानु दुलारी राधारानी प्रकट हुई। सेवायतों ने विग्रह को चांदी की चौकी में विराजमान किया। तड़के चार बजे ब्रह्ममुहूर्त में श्रीजी मंदिर में वेद मंत्रोच्चार के बीच राधारानी का पंचामृत अभिषेक शुरू हुआ, जो एक घंटे तक चला। अभिषेक में दूध, दही, शहद, घी, इत्र, बूरा, सप्त अनाज, सात मेवे, सात फल, 27 पेड़ों की पत्तियां, 27 स्थानों की रज और 27 कुओं का जल सम्मिलित किया गया। इसके अतिरिक्त यमुना सहित सात नदियों के जल से भी राधारानी का स्नान कराया गया। अभिषेक उपरांत सुबह 5ः30 बजे राधारानी को पीतांबर पोशाक धारण कराई गई और युगल स्वरूप की आरती उतारी गई। लगभग आठ बजे शीश महल से राधारानी ने भक्तों को दर्शन दिए। सामान्य दिनों की तुलना में इस बार 15 घंटे तक दर्शन की व्यवस्था की गई, ताकि हर भक्त आशीर्वाद पा सके। देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं का सैलाब इस पावन अवसर पर उमड़ा। तड़के अभिषेक के साथ ही उमड़ी भीड़ शाम तक बनी रही। पूरा मंदिर परिसर राधा प्यारी ने जन्म लियो है से गूंज उठा। महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, बिहार, झारखंड और विदेशों से भी हजारों भक्त पहुंचे। राधा अष्टमी पर फूलों और झालरों से सजे श्रीजी मंदिर में भजन-कीर्तन की गूंज रही। आतिशबाजी और वर्षा मानो स्वयं इस पावन पर्व का गुणगान कर रही थीं। मान्यता है कि वृषभानु महल, ब्रह्मांचल पर्वत पर भाद्रपद शुक्ल अष्टमी को राधारानी का जन्म हुआ था। इसी परंपरा को जीवंत करते हुए बरसाना आज भी राधा जन्मोत्सव पर भक्तिभाव और आस्था का अद्भुत संगम बन गया।

कमिश्नर और आईजी सहित डीएम-एसएसपी ने कंट्रोल रूम से रखी निगरानी

जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पूरे इंतजाम बरसाना क्षेत्र के 6 जोन 18 सेक्टर में, खुद मंडलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह, आईजी आगरा जोन शैलेष कुमार पांडेय, डीएम सीपी सिंह, और एसएसपी श्लोक कुमार कंट्रोल रूम कक्षा से निगरानी करते रहे। इसके अलावा बरसाना में 60 स्थान पर बैरिकेडिंग और 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे से निगरानी रखी गई। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश से 15 लाख से अधिक श्रद्धालु बरसाना पहुंचे। जन्मोत्सव को लेकर जिला प्रशासन ने मंदिर आने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाकर एकल मार्ग की व्यवस्था की है। सभी चेक प्वाइंट पर पुलिस अधिकारी तैनात हैं। तो वहीं पूरे मेला क्षेत्र में 3000 से अधिक पुलिसकर्मियों के साथ पीएसी के जवान भी तैनात किए गए हैं. दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो उसके लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार