Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
धर्मशाला, 31 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय विश्वविद्यालय में संस्कृत सप्ताह के अवसर पर विशिष्ट व्याख्यान आयोजित हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग द्वारा संस्कृत सप्ताह के उपलक्ष्य में रविवार को एक व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.सत प्रकाश बंसल बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में संस्कृत एवं संस्कृतज्ञाें की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस आवश्यकता की पूर्ति हेतु समाज में विशिष्ट प्रयत्न किए जाने चाहिए।
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित संस्कृत भारती के उत्तर क्षेत्रसंगठन मंत्री नरेन्द्र कुमार ने कहा कि यदि हम संस्कृतज्ञ राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना चाहते हैं तो हमें संस्कृत एवं संस्कृति दोनों का ही संरक्षण करना होगा। भाषा, संस्कृति और भूखंड इन तीनों का समावेश ही राष्ट्र है। इस राष्ट्र की भाषा संस्कृत है। यह ज्ञान विज्ञान की भाषा है। भारत को यदि आत्मसात करना है, तो संस्कृत को आत्मसात करना होगा। इसका सुव्यवस्थित अध्ययन करके इसमें निहित ज्ञान, विज्ञान, धर्म, दर्शन तथा संस्कृतियों का पालन करते हुए इस देश को पुनः परमवैभव को प्राप्त कराना संस्कृतज्ञों का ही दायित्व है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि अधिष्ठाता शैक्षणिक प्रो. प्रदीप कुमार, सारस्वत तिथि भाषा संकायाध्यक्ष प्रो. रोशन लाल शर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. योगेन्द्र कुमार ने सभी अतिथियों को आभार प्रदान किया।
इस कार्यक्रम का संयोजन संस्कृत विभाग से डॉ. एन वैती सुब्रमण्यम ने किया। कार्यक्रम में संस्कृत विभाग के प्रो बृहस्पति मिश्र सहित विद्वान आचार्य, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया