हिसार : गेहूं वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिलना विवि के लिए गर्व की बात : डॉ. अशोक गोदारा
हौटा ने सम्मान प्राप्त करने वाले गेहूं वैज्ञानिकों को दी बधाई, किसान हित में काम कर रहे वैज्ञानिक हिसार, 31 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) ने विश्वविद्यालय के गेहूं वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय सम्मान मिलने
हौटा अध्यक्ष डॉ. अशोक गोदारा।


हौटा ने सम्मान प्राप्त करने वाले गेहूं वैज्ञानिकों को दी बधाई, किसान हित

में काम कर रहे वैज्ञानिक

हिसार, 31 अगस्त (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) ने

विश्वविद्यालय के गेहूं वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय सम्मान मिलने पर प्रसन्नता जताई है।

हौटा ने कहा कि यहां के वैज्ञानिकों ने कड़ी मेहनत व लगातार रिसर्च के बल पर यह सफलता

पाई है। कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के नेतृत्व में विश्वविद्यालय नित नए आयाम छू रहा

है। हौटा अध्यक्ष डॉ. अशोक गोदारा एवं अन्य पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालय के गेहूं

वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय सम्मान मिलने का स्वागत करते हुए वैज्ञानिकों को बधाई दी।

उन्होंने रविवार काे कहा कि वैज्ञानिकों ने 64वीं अखिल भारतीय गेहूं एवं जौ शोधकर्ता वार्षिक गोष्ठी

में केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राष्ट्रीय स्तर पर

सम्मानित किया है, जो विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है। ग्वालियर में आयोजित इस

गोष्ठी में विश्वविद्यालय की टीम को प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण-पत्र दिया गया। समारोह

में मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री ऐदल सिंह कंसाना तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर)

के महानिदेशक डॉ. एमएल जाट उपस्थित रहे।

हौटा अध्यक्ष डॉ. अशोक गोदारा ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा विकसित गेहूं

की उन्नत किस्म डब्ल्यूएच 1306 को उच्च उत्पादकता, रोग प्रतिरोधकता और बेहतर गुणवत्ता

के लिए देशभर में सराहा गया है। यह किस्म विशेष रूप से भारत के प्रायद्वीपीय क्षेत्रों

महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, गोवा, तमिलनाडू और केरल के लिए सिंचित एवं समय पर

बुवाई के लिए विकसित की गई है। उन्होंने बताया कि चपाती गुणवत्ता के मानकों पर यह किस्म-देसी

किस्म सी 306 के बाद हकृवि की दूसरी सर्वश्रेष्ठ किस्म मानी गई है।

डॉ. अशोक गोदारा ने डब्ल्यूएच 1306 की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करते हुए

बताया कि इस किस्म की औसत उपज 50.4 किवंटल/हेक्टेयर, अधिकतम उत्पादन क्षमता 72.8 क्विंटल/

हेक्टेयर है। इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा 12.4 प्रतिशत, लौह तत्व (आयरन) 40.8 पीपीएम,

जिंक 40.5 पीपीएम तथा ग्लूटेन 96 (उच्चतम) जिससे यह किस्म व्यवसायिक उत्पादों के लिए

अत्यंत उपयुक्त सिद्ध होती है। उन्होंने सम्मान पाने वाले विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों

डॉ. ओपी बिश्नोई, डॉ. विक्रम सिंह, डॉ. मोहिन्दर सिहं दलाल, डॉ. योगेन्द्र गुलिया,

डॉ. हर्ष चौरसिया, डॉ. भगत सिंह, डॉ. प्रियंका एवं डॉ. मनमोहन को बधाई दी और उम्मीद

जताई कि भविष्य में भी हमारे वैज्ञानिक इस तरह के शोध कार्यों से किसान हित में काम

करते हुए विश्वविद्यालय का नाम उंचा करेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर