बाढ़ का पानी उतरते ही डेंगू–मलेरिया ने पसारे पांव
मीरजापुर, 31 अगस्त (हि.स.)। चुनार तहसील क्षेत्र में बाढ़ का पानी तो उतर गया लेकिन अब डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों ने महामारी का रूप लेना शुरू कर दिया है। विकासखंड सीखड़ और नरायनपुर के साथ-साथ नगर क्षेत्र के दर्जनों गांवों में लोग मच्छरों
बाढ़ का पानी उतरने के बाद का दृश्य।


मीरजापुर, 31 अगस्त (हि.स.)। चुनार तहसील क्षेत्र में बाढ़ का पानी तो उतर गया लेकिन अब डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों ने महामारी का रूप लेना शुरू कर दिया है। विकासखंड सीखड़ और नरायनपुर के साथ-साथ नगर क्षेत्र के दर्जनों गांवों में लोग मच्छरों के आतंक से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग और ग्राम पंचायत की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है।

जानकारी के अनुसार सीखड़, लालपुर, लरछूट, मगरहा, मोईनुद्दीनपुर, बटौवा, खानपुर, सोनवर्षा, आराजी लाइन, सुल्तानपुर, अदलपुरा, जलालपुर माफी, बेला, धरमरपुर, बगही, गांगपुर, नकहरा, समसपुर, धरहरा समेत नगर पालिका क्षेत्र के टम्मलगंज और बगरामगंज सहित दर्जनभर गांवों में बड़ी संख्या में लोग बुखार से पीड़ित हैं। इन मरीजों में प्लेटलेट्स तेजी से घट रहे हैं, जिससे अधिकांश लोग मजबूरी में निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि अब तक न तो किसी गांव में मच्छर रोधी छिड़काव किया गया और न ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने हालात का जायजा लिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चुनार के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. राकेश पटेल से संपर्क नहीं हो सका। वहीं, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सीखड़ के प्रभारी डॉ. निलेश कुशवाहा ने बताया कि मच्छर जनित लार्वा को खत्म करने के लिए ग्राम प्रधान और आशा कार्यकर्ताओं के खाते में 10-10 हजार रुपये भेजे गए हैं। दवा ब्लॉक मुख्यालय पर उपलब्ध करा दी गई है। छिड़काव की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान की है।

ग्रामीणों का आरोप है कि जब तक स्वास्थ्य महकमा और ग्राम पंचायत सक्रिय नहीं होंगे, तब तक बीमारी पर काबू पाना मुश्किल है।

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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा