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मंडी, 31 अगस्त (हि.स.)। मंडी में दिन में दर्जनों बार बिजली गुल हो रही है। लोग परेशान हो गए हैं। पेयजल सप्लाई पहले ही ठप होकर रह गई है। लोग कुदरती स्रोतों व टैंकरों से पानी मंगवाने पर मजबूर हो गए हैं। अधिशासी अभियंता विद्युत मंडल मंडी ई. राजेश कुमार ने बताया कि हाल ही में हुई भारी वर्षा और भूस्खलन की घटनाओं से 9 मील (पंडोह) क्षेत्र के पास स्थित 132 केवी डबल सर्किट बिजनी–लारजी–कांगू एक्स्ट्रा हाई वोल्टेज लाइन का टावर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। यह लाइन मंडी स्थित 132/66/33/11 केवी बिजनी उपकेंद्र तथा विद्युत मंडल मंडी के लिए मुख्य विद्युत आपूर्ति स्रोत थी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में मंडी मंडल को शानन–बिजनी 66 केवी लाइन और 33 केवी रत्ती–मेडिकल कॉलेज–बडसू–बिजनी लाइन से बिजली आपूर्ति दी जा रही है। किंतु लवांडी नाला (बिजनी के समीप) क्षेत्र में लगातार भूस्खलन और पेड़ों के गिरने से शानन–बिजनी 66 केवी लाइन बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है। इस कारण उपभोक्ताओं को समय-समय पर बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
ई. राजेश कुमार ने बताया कि विद्युत विभाग मंडी उपभोक्ताओं को 24 घंटे निर्बाध आपूर्ति उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत है। 132 केवी लाइन की मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है और इसे पूरा करने में लगभग एक सप्ताह का समय लग सकता है। उन्होंने मंडी शहर और आसपास के क्षेत्रों मझवार, गुटकर, बेहना, सौली खड्ड, तल्याहड, केहनवाल, गोखरा, साइग्लू, कोटली, भरगांव, बीर, बारी, बिजनी, दरंग धनोग, छिपनु , खलियार, पुरानी मंडी, जेल रोड, टारना, सेरी बाजार, मंगवाई, कटिंडी, कमांद, कटौला, बागी, बाथेरी तथा आईआईटी कमांद के सभी उपभोक्ताओं से सहयोग और धैर्य बनाए रखने की अपील की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस कठिन समय में बिजली का उपयोग केवल आवश्यक कार्यों के लिए ही करें, ताकि सीमित संसाधनों के बीच सभी क्षेत्रों को यथासंभव आपूर्ति दी जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा