निगम का लाखों का राजस्व बकाया, वसूली में जुटा निगम
10 दुकानों पर जड़ा ताला, 38 दुकानों का पांच लाख बकाया
दुकान में सीलबंदी की कार्रवाई करती नगर निगम की टीम।


धमतरी, 31 अगस्त (हि.स.)। नगर पालिक निगम धमतरी ने बकाया किराया वसूली को लेकर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। निगम क्षेत्र में बेरोजगारों और छोटे व्यवसायियों के लिए वर्षों पहले विभिन्न वार्डों के चौक-चौराहों पर दुकानें बनाकर उपलब्ध कराई गई थीं। इन दुकानों का किराया बाजार दर की तुलना में काफी कम है, बावजूद इसके कई दुकानदार महीनों से किराया जमा नहीं कर रहे हैं। निगम के अनुसार वर्तमान में 38 दुकानों पर लगभग पांच लाख रुपये का बकाया है।

निगम प्रशासन ने ऐसे दुकानदारों को पहले नोटिस जारी किया, लेकिन जवाब नहीं मिलने पर सख्त कदम उठाया गया। वसूली टीम ने हटकेशर और नहर नाका के पास स्थित काम्प्लेक्स की 10 दुकानों पर ताला जड़ दिया। कार्रवाई के बाद दुकानदारों में हड़कंप मच गया। इनमें से तीन दुकानदारों ने तुरंत बकाया किराया जमा कर दुकान की सील खुलवाई, जबकि अन्य भी निगम कार्यालय पहुंचकर बकाया पटाने लगे हैं। वसूली अभियान का नेतृत्व टीम प्रभारी मो. शेरखान कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि दुकान किराएदारों के साथ-साथ जलकर बकायादारों पर भी कार्रवाई की जाएगी। सोमवार से नल कनेक्शन काटने की कार्यवाही शुरू होगी। जलकर बकायादारों की सूची तैयार कर ली गई है और दुकान व जलकर की वसूली समानांतर रूप से की जाएगी। आयुक्त प्रिया गोयल के निर्देश पर उपायुक्त पीसी सार्वा ने निगम क्षेत्र को चार भागों में बांटकर वसूली टीमों का गठन किया है। प्रत्येक टीम में एक प्रभारी, दस सदस्य और दस वार्ड शामिल किए गए हैं। सभी टीमों को वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पूर्व निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति के निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही बरतने पर नियमानुसार कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। विदित हो कि चालू वित्तीय वर्ष में निगम को 10 करोड़ रुपये से अधिक टैक्स वसूलना है। इसके लिए वसूली दल घर-घर जाकर लोगों को कर पटाने के लिए जागरूक कर रहा है। निगम का कहना है कि बकाया वसूली अभियान लगातार जारी रहेगा और किराया या कर नहीं चुकाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जानकारी के अनुसार नगर निगम को संपत्ति कर, दुकान किराया, जलकर के रूप में लाखों रुपये वसूल करने हैं। शहर के कई नागरिक नगर निगम से सुविधा लेने के लिए नल कनेक्शन और दुकान किराए पर तो ले लेते हैं, लेकिन नियमित इसका शुल्क नहीं पटाते।इसके चलते शुल्क बढ़ते बढ़ते पहले सैकड़ों फिर हजारों और बाद में लाखों तक पहुंच जाता है। नगर निगम क्षेत्र में सैकड़ों लोग हैं जिनका राजस्व बकाया है। बार-बार निगम द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद भी कुछ असर नहीं होता। तालाबंदी और जब्ती की कार्रवाई अपनाने के बाद लोग शुल्क पटाने पहुंचते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा