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नई दिल्ली, 31 अगस्त (हि.स.)। अमेरिका के साथ टैरिफ विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीन यात्रा की कांग्रेस पार्टी ने आलोचना की है। पार्टी प्रवक्ता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि इस दौरे का मूल्यांकन राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक हितों के संदर्भ में किया जाना चाहिए।
जयराम रमेश ने अपने एक्स पिस्ट में कहा कि जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी आक्रामकता के दौरान 20 भारतीय सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। इसके बावजूद 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को क्लीन चिट दे दी थी। सीमा पर यथास्थिति बहाल करने में विफल रहने के बावजूद सरकार चीन के साथ सुलह की दिशा में कदम बढ़ा रही है, जिससे बीजिंग की आक्रामकता को अप्रत्यक्ष वैधता मिल रही है।
जयराम रमेश ने इसी साल 4 जुलाई को उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह के बयान का भी हवाला दिया, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान और चीन की जुगलबंदी पर चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस गंभीर चुनौती पर ठोस कदम उठाने के बजाय चुप्पी साध ली और अब चीन को राजकीय दौरों से पुरस्कृत कर रही है।
उन्होंने कहा कि चीन द्वारा यारलुंग त्संगपो नदी पर विशाल जलविद्युत परियोजना की घोषणा भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों के लिए गंभीर खतरा है लेकिन केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
जयराम
रमेश ने कहा कि चीन से आयात की अनियंत्रित डंपिंग से भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। अन्य देशों की तरह सख्त प्रतिबंध लगाने के बजाय भारत ने चीनी आयात को खुली छूट दे रखी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रशांत शेखर