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देहरादून, 31 अगस्त (हि.स.)। कांग्रेस ने उत्तराखंड को आपदाग्रस्त प्रदेश घोषित करने की मांग करते हुए केंद्र सरकार पर प्रदेश की घोर उपेक्षा करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केन्द्र सरकार से राहत पैकेज देने की मांग की है।
कांग्रेस मुख्यालय पर रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगठन सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि चुनावी फायदे के लिए श्रीकेदारनाथ और श्रीबदरीनाथ की माला जपने वाले और केदारधाम में आकर धुनी रमाने वाले प्रधानमंत्री आज संकट की घड़ी में केदारनाथ व बद्रीनाथ समेत पूरे उत्तराखंड को भूल गए हैं। वे या तो बिहार चुनाव में व्यस्त हैं या विदेशों के दौरे कर रहे हैं। राज्य में भीषण
प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे उत्तराखण्डियों की सुध लेने के लिए उन्होंने ना तो अपने किसी वरिष्ठ मंत्रिमंडलीय सहयोगी को उत्तराखंड भेजा और ना ही किसी केंद्रीय दल को उत्तराखंड में हुए जानमाल के नुकसान का आकलन करने के लिए भेजा। उन्होंने कहा कि आज राज्य के सभी पर्वतीय जिले आपदाओं से बदहाल हो रहे हैं। उत्तरकाशी में धराली, हर्षिल, यमुनोत्री स्यानाचट्टी, राणा चट्टी के अलावा यमुनोत्री-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर आपदा से अधिक नुकसान हुआ है। धराली हर्षिल में बड़ी जन हानि हुई है और लोगों के घर होटल दुकान पूरी तरह से नेस्तनाबूद हो गए हैं।
धस्माना ने कहा कि चमोली जिले के थराली, देवाल व बदरीनाथ में भी आपदा से जानमाल की बड़ी हानि हुई है और यही हाल रुद्रप्रयाग जिले का है। धस्माना ने कहा कि पौड़ी जनपद का बड़ा हिस्सा आपदाग्रस्त है और जिले में अनेक लोगों की मौत हुई है। उन्होंने ने कहा कि कुमायूं मंडल में भी पिथौरागढ़ जनपद में आपदा से नुकसान हुआ है। ऐसे में प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे पूरे उत्तराखंड को आपदाग्रस्त राज्य घोषित करते हुए तत्काल केंद्रीय सरकार का एक दल उत्तराखंड भेज कर यहां हुए नुकसान व जनहानि का आकलन करवाएं और राहत पुनर्वास व पुनर्निर्माण के लिए विशेष आर्थिक पैकेज घोषित करे।
उन्हाेंने मांग की कि केंद्र व राज्य सरकार की संयुक्त निगरानी में उत्तराखंड में राहत पुनर्वास व पुनर्निर्माण का कार्य तेजी से हो। उन्हाेंने कहा कि वर्ष २०१३ में केदारनाथ आपदा के समय तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आपदाग्रस्त क्षेत्र में तत्काल उच्च अधिकार प्राप्त केंद्रीय दल भेजा था और केंद्र सरकार ने राहत पुनर्वास व पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 21 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज दिया था।
हिन्दुस्थान समाचार / विनोद पोखरियाल