जयराम ठाकुर, डॉ बिंदल और सिद्धार्थन ने सुनी पीएम मोदी की मन की बात
शिमला, 31 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ''मन की बात'' का प्रसारण हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं द्वारा रविवार काे सुना गया। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाक
मन की बात सुनते नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर


शिमला, 31 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का प्रसारण हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेताओं द्वारा रविवार काे सुना गया। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने फागू, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने नाहन, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन ने कोटखाई, महामंत्री संजीव कटवाल ने शिमला, भाजपा उपाध्यक्ष बिहारी लाल शर्मा ने करसोग, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने सुलह और डॉ. राजीव भारद्वाज ने नूरपुर में कार्यकर्ताओं के साथ ‘मन की बात’ कार्यक्रम सुना।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारी बारिश से हुए नुकसान का जिक्र करना यह दर्शाता है कि वे हिमाचल प्रदेश सहित अन्य प्रभावित राज्यों की स्थिति को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने समय पर राहत पहुंचाकर सक्रिय भूमिका निभाई है और यह प्रधानमंत्री के उद्बोधन में भी स्पष्ट रूप से नजर आया। ठाकुर ने कहा कि हम फिर दोहराना चाहते हैं कि प्रदेश सरकार को केंद्र की ओर से किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रखी गई है चाहे वह ₹5125 करोड़ की आर्थिक सहायता हो या सड़कों के पुनर्निर्माण का कार्य।

इस मौके पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने कहा कि प्रधानमंत्री ने एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों के साहसिक कार्यों की सराहना की जिन्होंने आपदा के समय अग्रिम मोर्चे पर रहकर लोगों की मदद की। उन्होंने बताया कि हिमाचल में भी इन राहत दलों ने उल्लेखनीय कार्य किया है। विशेष रूप से मणिमहेश यात्रा के दौरान सड़कों और संचार संपर्क टूटने की स्थिति में एसडीआरएफ के जवान यात्रियों की मदद के लिए निरंतर डटे रहे।

बिंदल ने बताया कि एसडीआरएफ के जवानों ने तीन हजार से अधिक तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया और 15 यात्रियों को मौत के मुंह से जीवित बचाया है। मणिमहेश यात्रा 2025 के मद्देनजर एसडीआरएफ कांगड़ा कंपनी की तीन टीमों को 15 अगस्त को सुरक्षा हेतु तैनात किया गया था। बाद में इन टीमों का पुनर्गठन कर धनछो में 16 और हड़सर में 18 जवानों को तैनात किया गया जिन्होंने सफलतापूर्वक बचाव कार्य को अंजाम दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील शुक्ला