सत्संग से ही जीवन का होता है कल्याण : अभिषेक कृष्णम्
जहां नारी की पूजा होती है वहीं महालक्ष्मी का वास प्रयागराज, 30 अगस्त (हि.स.)। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना ही परम सौभाग्य है। यही तो भगवान की कृपा है कि मनुष्य को सत्संग का अवसर मिलता है। सत्संग से ही जीवन का अंधकार दूर होता है और मृत्यु लोक से मु
श्रीमद्भागत कथा कथा कहते हुए कथा व्यास आचार्य पंडित अभिषेक कृष्णम् हरिकिंकर महाराज का छाया चित्र


श्रीमद्भागत कथा कथा कहते हुए कथा व्यास आचार्य पंडित अभिषेक कृष्णम् हरिकिंकर महाराज का छाया चित्र


जहां नारी की पूजा होती है वहीं महालक्ष्मी का वास

प्रयागराज, 30 अगस्त (हि.स.)। श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना ही परम सौभाग्य है। यही तो भगवान की कृपा है कि मनुष्य को सत्संग का अवसर मिलता है। सत्संग से ही जीवन का अंधकार दूर होता है और मृत्यु लोक से मुक्ति का मार्ग प्राप्त होता है। यह बात शनिवार को श्री सर्वेश्रर हनुमान मंदिर नारीबारी में आयोजित श्री गोपाल यज्ञ एवं संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा को संबोधित करते हुए कथा व्यास आचार्य पंडित अभिषेक कृष्णम् हरिकिंकर महाराज ने कही।

उन्होंने बताया कि जहां नारी की पूजा होती है वहीं महालक्ष्मी का वास होता है। भागवत कथा का महत्व समझाते हुए उन्होंने कहा कि सत्संग ही मनुष्य के जीवन का वास्तविक आभूषण है। “इसी सत्संग से जाकर कृपा राम की होई, तापर कृपा करऊ सब कोई।” इस श्लोक के माध्यम से उन्होंने बताया कि जब व्यक्ति भक्ति में रमा होता है, तभी प्रभु की कृपा सहज रूप से प्राप्त होती है।

कथा शुभारंभ से पूर्व श्रीमद्भागवत पूजन एवं कलश यात्रा का आयोजन मुख्य यज्ञमान सर्वेश्वर हनुमान जी की उपस्थिति में हुआ। नगर की गलियों से निकली कलश यात्रा में नगर की महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस धार्मिक यात्रा से पूरा नगर भक्तिमय वातावरण में डूब गया।

इस अवसर पर आचार्य राजीव तिवारी, पुजारी रमेश दास, रवि तिवारी, दिनेश तिवारी, शिवशंकर पांडेय,ऋषि मोदनवाल, दिलीप कुमार चतुर्वेदी, दिवाकर दास, पंकेष चतुर्वेदी, महेश पाण्डे, दीपांश तिवारी रमेश सहित भारी संख्या में संगीतमय टीम के सदस्य एवं श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी श्रद्धालुओं ने संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा का रसपान किया, आरती में सम्मिलित हुए और प्रसाद ग्रहण कर पुण्य के भागी बने।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल